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187 चयनित पट्टेधारियों से राजस्व की होगी उगाही

समीक्षा. 28 नवंबर तक समर्पित करना है दस्तावेज 56.10लाख का वसूल होगा राजस्व शेखपुरा : जिले में लघु खनिज कारोबार के लिए सरकार की नयी नीतियों ने जहां लोगों में भी रोजगार की उम्मीदें बढ़ा दी है. वहीं दूसरी ओर विभाग के खजाने को लेकर राजस्व में भी इजाफा दिखने लगा है. जिले में लघु […]

समीक्षा. 28 नवंबर तक समर्पित करना है दस्तावेज

56.10लाख का वसूल होगा राजस्व
शेखपुरा : जिले में लघु खनिज कारोबार के लिए सरकार की नयी नीतियों ने जहां लोगों में भी रोजगार की उम्मीदें बढ़ा दी है. वहीं दूसरी ओर विभाग के खजाने को लेकर राजस्व में भी इजाफा दिखने लगा है. जिले में लघु खनिज के लिए जारी किये जा रहे अन्य व्यक्तियों में फिलहाल 187 दावेदार हैं. जिन्हें लॉटरी व अन्य प्रक्रिया अपनाकर लाभुकों की सूची में शामिल किया गया है. जिले के खनन राजस्व परिस्थितियों पर अगर नजर डालें तो यहां 54 करोड़ सालाना खनन राजस्व का विभाग द्वारा लक्ष्य निर्धारित है.
उसके लिए जिले में एक दर्जन से अधिक पहाड़ी भूखंडों की बंदोबस्ती बड़ी-बड़ी कंपनियों को किया गया है. इसके साथ ही खनिज कारोबार को लेकर सरकार ने जिस नीतियों को लागू किया है. उसमें राजस्व में गुणात्मक इजाफे के साथ-साथ कारोबार में लोगों की भागीदारी भी बढ़ सकेगी. जिले के सभी छह प्रखंड व दो नगर निकायों के लिए पंचायत स्तर पर लघु खनिज की अनुज्ञप्ति जारी की गयी है.
जिले में लघु खनिज कारोबार को लेकर जारी किये गये सभी 187 अनुज्ञप्तियों से लगभग 56.10 लाख रुपये का राजस्व वसूल होने की संभावना है. विभागीय सूत्रों की माने तो प्रत्येक अनुज्ञप्तिधारी से निविदा शुल्क के रूप में विभाग द्वारा तीन वर्षों के लिए तीस हजार प्रति इकाई की दर से बैंक ड्राफ्ट की मांग की गयी है. इसके साथ ही अनुज्ञप्तिधारियों के द्वारा एक लाख रुपये की बैंक गारंटी भी दिया जाना है. हालांकि खनन विभाग के द्वारा जारी किये गये अनुभूतियों में एक ही नाम से दो-दो अनुज्ञप्ति होने की स्थिति व विभिन्न कारणों से संख्या में कमी आ सकती है. जिससे राजस्व में भी कमी होने की आशंका जतायी जा रही है. जिले में खनन राजस्व के स्थितियों पर अगर नजर डाले तो यहां विभाग द्वारा प्रतिवर्ष 54 करोड़ रुपये का सालाना लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
कैश लेश होगा कारोबार : लघु खनिज का यह कारोबार पूरी तरह कैशलेस हो इसके लिए सरकार ने ठोस नियमों को लागू किया है. खनिज अधिकारियों के मुताबिक इस कारोबार में होने वाले लेनदेन की प्रक्रिया के लिए पाउश मशीन, पेटीएम, बैंक ड्राफ्ट, चेक समेत अन्य अत्याधुनिक कैशलेस सिस्टम से कारोवार का ट्रांजेक्शन किया जायेगा.
क्या है प्रक्रिया :
खनिज पदार्थों के कारोबार को लेकर सरकार की नयी नीतियों को त्रिस्तरीय व्यवस्था में निर्धारित किया गया है. इस नयी व्यवस्था में जहां विभाग का ऑनलाइन सिस्टम पर सिर्फ है. वही मध्य भाग की भूमिका में बनाये जाने वाले डिपू को दायित्वों का निर्धारण किया गया है. जबकि निचले पायदान पर लघु खनिज होंगे. खनिज पदार्थों की उपलब्धता के लिए डिमांड के आधार पर लघु खनिज अनुभूतियों के द्वारा खनिज पदार्थों का ऑर्डर बुक कराया जायेगा. उसके बाद डिपू संचालक की मॉनीटरिंग में खनिज पदार्थ खाद्यानों से सामग्रियों को खरीदार तक पहुंचाया जायेगा. इस प्रक्रिया में चालान की व्यवस्था के तहत ही सारा कारोबार निर्धारित होगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
”लघु खनिज की व्यवस्था में जिन वाहनों से खनिज सामग्रियों की आपूर्ति की जायेगी. उन वाहनों में डिजिटल लॉक और जीपीएस अनिवार्य किया गया है. कारोबार में होने वाले ट्रांजेक्शन के लिए कैशलेस व्यवस्था को ही निर्धारित किया गया है. 187 लोगों को लॉटरी व विभिन्न प्रक्रियाओं से अनुज्ञप्ति के लिए प्रारंभिक दौर पर चयनित किया गया है. जिसे विभिन्न दस्तावेजों एवं शर्तों को पूरा करने के बाद अनुज्ञप्ति देने की कार्रवाई की जायेगी.”
रियाजुल हक खनन निरीक्षक, शेखपुरा

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