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माधोपुर सुंदर में शिक्षा पटरी पर

पहल. जेपी के सपनों का गांव विकास से रहा है वंचित झिटकांही से गांव की ओर आनेवाली सड़क का भी होगा निर्माण शिवहर : विकास के मुख्यधारा से वंचित जिले के डुमरी कटसरी प्रखंड के माधोपुर सुंदर गांव के विकास की गाड़ी धीरे धीरे सरकने लगी है. सर्वोदयी नेता जयप्रकाश नारायण के सपनों का यह […]

पहल. जेपी के सपनों का गांव विकास से रहा है वंचित

झिटकांही से गांव की ओर आनेवाली सड़क का भी होगा निर्माण
शिवहर : विकास के मुख्यधारा से वंचित जिले के डुमरी कटसरी प्रखंड के माधोपुर सुंदर गांव के विकास की गाड़ी धीरे धीरे सरकने लगी है. सर्वोदयी नेता जयप्रकाश नारायण के सपनों का यह गांव विकास से वंचित रहा है.
करीब 95 वर्षीय राम विलास साह बताते हैं कि 1957 के करीब 28 जनवरी को सर्वोदयी नेता जयप्रकाश नारायण व आचार्य विनोबाभावे व अाचार्य कृपलानी आये थे. उस समय यह गांव ग्राम दान किया गया. जिसमें 84 गरीबों को दो दो कट्ठा जमीन देने का निर्णय लिया गया.
उक्त जमीन जमींदार जेठा जी द्वारा दिया जाना था. कुछ गरीबों को जमीन मिला भी. किंतु सर्वे के दौरान जमींदार ने जमीन अपने नाम से सर्वे करा लिया. उसे दूसरों के हाथों बेच दिया.
जिससे अधिकतर गरीब भूदान की जमीन से वंचित रह गये. गरीबों का नेतृत्व सर्वोदयी नेता हरिवंश नारायण सिंह द्वारा किया गया. जमींदार जेठा जी गरीबों को जमीन देने के पक्ष में नहीं थे. जबकि हरिवंश सिंह गरीब को वास की जमीन दिलाने के पक्ष में थे.
ऐसे में हरिवंश नारायण सिंह को जमींदार ने मुकदमे में भी फंसा दिया. उसके बाद आंदोलन उग्र हो गया. सर्वोदयी नेता वहां जुटने लगे. तब तय किया गया कि जमींदार दो कट्ठा जमीन देंगे. कहा कि इस गांव में 1974 में इमरजेंसी के दौरान वरीय नेता रघुवंश नारायण सिंह एक माह के अज्ञातवास की अवधि बितायी थी. जेपी आंदोलन में भी इस गांव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उस समय यह गांव राजनीतिक चेतना का केंद्र था.
जेपी आंदोलन के अग्रणी महंथ शंभू नारायण दास, हरगेण साह, रामएकवाल साह, गणेश साह दस हजार रूपये पेंशन पा रहे हैं.यहां गरीबों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सर्वोदय आश्रम का निर्माण कराया गया. राधा बहन व शिवरतन बहन लोगों को चरखा से सूत काटना सिखाती थी. गांव विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहा था. इसी बीच तालाब में मछली मारने को लेकर मसहां गांव के लोगों से विवाद हो गया. ग्रामीणों ने सर्वोदय आश्रम को जला दिया. उसके बाद विकास की गति अवरुद्ध हो गयी.
गरीब सड़क, शिक्षा,पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित होकर विकास के लिए लालायित रहने लगे. पंचायती राज गठन के बाद लोगों में आस जगी की गांव का विकास होगा. किंतु विकास की रोशनी से लोग महरूम रहे. इस गांव को मुुख्यपथ से जोड़ने वाली झिटकांही से माधोपुर मसहां पथ जर्जर रहा. गड्ढ़ों में तब्दील इस सड़क पर पैदल यात्री का भी चलना मुश्किल हो गया.
ग्रामीण लखिंद्र साह, दिनेश साह, गोनउर सहनी, नंदू सहनी छोटे लाल साह, मुकेश कुमार, रंजीत कुमार, मुकेश मल्ली, गणेश साह, पथल साह ,रामश्रेष्ठ साह का कहना है कि नये मुखिया वर्षा बसंत के नेतृत्व में गांव विकास की ओर अग्रसर है. गांव से मसहां जाने वाली सड़क का सोलिंग कार्य कराया जा रहा है. मवेशी शेड, सोख्ता निर्माण का कार्य जारी है. स्कूल की स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है. झिटकाहीं से गांव की ओर आनेवाली पथ के निर्माण का भी मुखिया ने आश्वासन दिया है.
मसहां जानेवाली सड़क भी हुई सोलिंग

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