शिवहर : जिले में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अपना मकान बनाने का सपना काफी महंगा साबित हो रहा है. बाजारों में ईंट, बालू, गिट्टी, सीमेंट, छड़ के दामों में बेतहाशा वृद्धि होने के कारण अब लोगों को मकान बनाना काफी महंगा साबित हो रहा है.
इतना ही नहीं मकान बनाने वाले मजदूर की मजदूरी बढ़ गयी है. कारण कि रोजी रोटी के तलाश में मजदूर पंजाब, हरियाणा धान की रोपनी करने पलायन कर गये हैं. अब मकान बनाने के लिए लोगों को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ रही है. मटेरियल के दामों में हुई वृद्धि व लेबर कॉस्ट बढ़ने से लोगों को पसीना छूट रहा है.बताते चलें कि मकान बनाने की सामग्री पर पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बाजार में दामों का काफी इजाफा हुआ है. हालत तो यह भी है कि लोग अपने मकान को बनाने के लिए ज्यादा कीमत देने के बाद भी समय पर सामग्रियां उपलब्ध नहीं हो पाती हैं. जिसके कारण लोगों को कई अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
शहर के अमरनाथ पटेल, शिवनाथ पटेल, मुकेश गुप्ता, कमरुद्दीन, विनोद पटेल, उमाशंकर साह, शेख नसरुल, मो. नेयाज, मो. जफरुल्लाह सहित कई ने कहा कि सरकार द्वारा जारी कई तरह की कानूनी प्रक्रिया और जीएसटी के बंदिशों के कारण कई सामग्रियों के दामों में वृद्धि हुई है. ऐसे में लगातार बढ़ती कीमतों से मकान बनाना काफी मुश्किल हो गया है.जिसका नकारात्मक असर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों पर साफ नजर आ रहा है.सरकार को इस पर विचार करने की जरूरत है. गांवों में मकान का छत ढ़ालने के लिए दाम कम होने का इंतजार कर रहे हैं.
बालू चार हजार के सौ सीएफटी प्रति एक टेलर
ईंट सात हजार रुपये 15 सौ ईंट प्रति टेलर
छड़ 41 सौ रुपये प्रति क्विंटल
सीमेंट 200 रुपये प्रति बैंग
लेवर 200 रुपये दैनिक मजदूरी
मिस्त्री 350 रुपये दैनिक मजदूरी
बालू सात हजार प्रति सौ सीएफटी एक टेलर
15 सौ ईंट प्रति टेलर 11 हजार रुपये
छड़ छह हजार रुपये क्विंटल
सीमेंट चार सौ रुपये प्रति बैग
लेवर की मजदूरी 350 सौ रुपये
मिस्त्री 500 सौ रुपये