खेती-बाड़ी. अच्छी खेती के लिए वरदान माना जाता है रोहिणी नक्षत्र फोटो – 11- खेत में बिचड़ा डालते किसान. ए- नहरों में नहीं आया पानी.
प्रतिनिधि, दिनारा विगत 25 मई को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर गये. इससे खेतों में धान का बीज (बिचड़ा) डालने के लिए खेत तैयार करने का कार्य शुरू हो गया है. खरीफ फसल की खेती के लिए किसान धीरे-धीरे तैयारी में लग गये हैं. लेकिन, क्षेत्र की नहरों में अब तक पानी नहीं आया, जिससे कुछ किसानों के चेहरे मायूस हैं. रोहिणी नक्षत्र चढ़ने को लेकर बिचड़ा डालने के लिए किसान खेत में मोटर या डीजल पंप से पानी लगा रहे हैं. इस नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालने के लिए खेतों की जोताई पहले ही किसान कर चुके हैं. अच्छी खेती के लिए यह नक्षत्र किसानों के लिए वरदान माना जाता है. इस नक्षत्र में डाले गये बीज से सूपंख खेती के आसार बने रहते हैं. इस लिहाज से किसान खेती-बाड़ी के लिए खेतों की जोताई के बाद बिचड़ा डालने के लिए जुट गये है. यह नक्षत्र 15 दिनों तक यानी आठ जून तक रहेगा. इसके बाद सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे.गौरतलब है कि दिनारा प्रखंड क्षेत्र में किसान धान की खेती में काफी रुचि लेते हैं. इसके चलते रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा तैयार करने का काम शुरू कर दिया जाता है. लेकिन, पानी की कमी के चलते अधिसंख्य किसान रोहिणी नक्षत्र में धान का बीज डालने से वंचित रह जाते हैं. जो बारिश होने या नदी आदि जलस्रोत में पानी आ जाने के बाद ही बीज डाल पाते हैं. वर्तमान समय में जहां नहरों में पानी है या बोरिंग या सबमर्सिबल की व्यवस्था है, उन्हीं किसानों द्वारा धान का बीज डाला जा रहा है. वहीं, धान की खेती करने के लिए किसान मोटर मशीन व अपने ट्रैक्टर की मरम्मत भी करा रहे हैं.
डीजल पंपसेट से सिचाई कर लगा रहे बिचड़ा
नहरों में पानी के अभाव के कारण किसानों ने विवशता में डीजल पंप व मोटर पंप के सहारे अपने खेतों में धान का बीज डालने लायक बनाने का कार्य शुरू कर दिया है. रोहिणी नक्षत्र में खेतों में धान का बीज डालना शुभ माना गया है. किसानों का मानना है कि इस नक्षत्र में बीज डालने से खेती अगताह होती है. खेतों में धान का बिचड़ा डालने के लिए नहरों में अब तक पानी नहीं आया है. डीजल पंप व मोटर के सहारे खेतों में बिचड़ा डाला जा रहा है. यहां के किसान हर जुगत लगाकर धान की अच्छी फसल तैयार करते हैं. हालांकि, इस क्षेत्र में रोहिणी नक्षत्र के बाद ही अधिकतर किसानों द्वारा अपने खेतों में बीज डाला जाता है. फिर भी इस नक्षत्र में बीज डालने वालों की संख्या कम नहीं है. रोहिणी नक्षत्र में बीज डालने वाले किसानों के खेत में नवंबर माह में यह फसल तैयार हो जाती है.
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