छपरा (सदर) : महाराजगंज संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव तथा कृषि विभाग की उदासीनता ने जिले के किसानों को खरीफ फसल के दौरान मिलनेवाले प्रारंभिक दौर के लाभ से वंचित कर दिया. कृषि विभाग के सारे दावों के बावजूद सारण जिले को 3550 क्विंटल ढैंचे का बीज नहीं मिल पाया है.
इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए नि:शुल्क मिलनेवाले इस बीज से जिले के हजारों किसान वंचित हो गये. वहीं, आचार संहिता के कारण खरीफ की विभिन्न योजनाओं को जिले के नौ प्रखंडों यथा जलालपुर, मांझी, एकमा, लहलादपुर, बनियापुर, मशरक, तरैया, इसुआपुर, पानापुर के किसानों को तो अब तक खरीफ फसल के नाम पर विभाग ने कोई सुविधा नहीं दी है.
वहीं, किसानों का आरोप है कि शेष 11 प्रखंडों में भी कृषि विभाग के पदाधिकारी कृषि योजनाओं के कार्यान्वयन की खानापूर्ति कर रहे हैं. सोमवार को भी खरीफ फसल के लिए कृषि विभाग द्वारा छपरा सदर व मकेर प्रखंडों में किसानों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का कागजी खानापूर्ति साबित हुई.
विभाग द्वारा अपने स्तर से किसानों को पूर्व में सूचना नहीं दिये जाने के कारण प्रशिक्षण शिविर में दर्जन भर किसान ही शामिल हो सके. इस संबंध में पूछे जाने पर जिला कृषि पदाधिकारी सुरेंद्र नाथ ने कहा कि दोनों प्रखंडों में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. यह पूछे जाने पर की इस संबंध में पूर्व से कोई विस्तृत कार्यक्रम जिला स्तर पर प्रचारित नहीं हुआ था, तो वे जवाब नहीं दे सके.
पंचायतों में नहीं मना श्री दिवस
सरकार द्वारा 26 मई को प्रत्येक पंचायत में विभागीय कर्मियों की उपस्थिति में पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से श्री दिवस का आयोजन करना था, जिसमें किसानों को सरकार द्वारा चलायी जानेवाली विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जानी थी.
परंतु, 90 फीसदी पंचायतों में कुछ भी नहीं हुआ. कुछ पंचायतों में महज कागजी खानापूर्ति की गयी. हालांकि, पूछे जाने पर डीएओ ने कहा कि विभिन्न पंचायतों में श्री दिवस मनाये जाने की सूचना है.