जांच शुरू. ड्यूटी पर तैनात जेलकर्मियों से पूछताछ
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कॉल डिटेल्स खंगाल रही पुलिस
जांच शुरू. ड्यूटी पर तैनात जेलकर्मियों से पूछताछ छपरा (सारण) : मंडल कारा में तलाशी के दौरान जेलकर्मियों पर हुए हमले की वरीय पुलिस-पदाधिकारियों ने गुरुवार को जांच की और दोषियों के खिलाफ शीघ्र आरोप पत्र समर्पित करने का निर्देश दिया है. पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार राज ने बताया कि जेल के अंदर विधि व्यवस्था […]
छपरा (सारण) : मंडल कारा में तलाशी के दौरान जेलकर्मियों पर हुए हमले की वरीय पुलिस-पदाधिकारियों ने गुरुवार को जांच की और दोषियों के खिलाफ शीघ्र आरोप पत्र समर्पित करने का निर्देश दिया है. पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार राज ने बताया कि जेल के अंदर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, जेल मैन्युअल के विरुद्ध आचरण करने के दोषी बंदियों के खिलाफ नियमानुकूल कार्रवाई शुरू की गयी है.
जेल के अंदर की स्थिति पर पुलिस-प्रशासन नजर रख रही है. सहायक पुलिस अधीक्षक मनीष ने एसपी के निर्देश पर घायल जेलकर्मियों और ड्यूटी पर तैनात अन्य जेलकर्मियों से जानकारी ली. जेल कर्मियों पर हमला करने वाले कुख्यात अपराधी अरुण साह को छपरा मंडल कारा से स्थानांतरित करने के लिए पुलिस अधीक्षक पहले ही पत्र लिख चुके हैं. इसकी अनुमति मिलते ही स्थानांतरित कर दिया जायेगा.
बरतन व्यवसायी भोला प्रसाद की हत्या करवाने तथा व्यवसायी के पुत्र धीरज को घायल कराने के मामले में आरोपित और प्रापर्टी डीलर मुकुल कुमार भारती से दस लाख की रंगदारी मांगने के मामले में नामजद कुख्यात अरुण साह के मोबाइल का कॉल डिटेल्स पुलिस खंगाल रही है. अरुण साह ने जिस मोबाइल नंबर से प्रापर्टी डीलर से रंगदारी मांगी थी. उसका सीडीआर निकाला जा रहा है.
खुल सकता है कई मामलो का रहस्य : कुख्यात अरुण साह के मोबाइल सीडीआर से कई मामलों का रहस्य खूलने की आशा है. शहर के अलावा जिले में हुए कई अपराधिक मामलों में अरुण साह के संलिप्त होने की आशंका है. जिले व राज्य से बाहर लूट, हत्या और अपहरण कराने, फिरौती लेने तथा रंगदारी लेने की घटनाओं से अरुण साह ने मास्टरमाइंड की भूमिका निभायी है. इसका राजकफाश मोबाइल सीडीआर से होने की संभावना है.
बंदियों पर नहीं है नियंत्रण : मंडल कारा के अंदर से रंगदारी मांगने और जेलकर्मियों पर हुए हमले की घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि बंदियों पर नियंत्रण नहीं है. मंडल कारा के अंदर बंदियों की मर्जी के अनुसार जेलकर्मी कार्य करते है. बंदियों के हमले में घायल जेलकर्मी भय व दहशत के कारण पुलिस के समक्ष भी घटना के बारे में पूरी बात कहने से कतरा रहे थे. पुलिस पदाधिकारियों के भरोसा दिलाने के बाद घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी. जेल के अंदर मोबाइल, चार्जर पहुंचने से लेकर उसके प्रयोग होने के जेल अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है.
क्या कहते हैं एसपी
जेल के अंदर विधि व्यवस्था बिगाड़ने और जेलकर्मियों के साथ मारपीट करने की घटना की जांच की गयी है और शीघ्र आरोप पत्र समर्पित करने का निर्देश दिया गया है.
पंकज कुमार राज, पुलिस अधीक्षक, सारण
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