छपरा : प्रगतिवादी सोच और जनहित के फैसले लेने वाले प्रधानमंत्री है नरेंद्र मोदी. जिसके हर फैसले का देश की जनशक्ति का पूरा समर्थन रहा है. नोटबंदी का फैसला भी प्रधानमंत्री की विकासवादी सोच और जनहित में लिया गया फैसला था जिसे देश की जनता ने अपना पुरा समर्थन दिया है. आज देश ने एक नयी क्रांति ”कैशलेस क्रांति” की तरफ कदम बढ़ाया है.
आमजन आज कैशलेस लेन देन की तरफ बढ़ चुका है. दुनिया में जहां 70 फीसदी लेन देन कैशलेस होता है वही स्वीडन दुनिया का पहला कैशलेस लेन देन वाला देश बन गया है. भारत में भी इसे अब प्राथमिकता दी जाने लगी है. उक्त बाते केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यामशीलता मंत्री स्वतंत्र प्रभार राजीव प्रताप रुडी ने कही. उन्होने कहा कि उपभोक्तावाद के जमाने में यह कदम सभी के लिए आगे की राह आसान बनायेगा. इससे देश के हर एक नागरिक को आनेवाले समय में फायदा होगा. उन्होने कहा कि भारत के परिपेक्ष्य में यह चुनौतीपूर्ण जरूर है पर असंभव नही. विरोधियों की चिंता नही है
क्योंकि जनशक्ति सरकार के साथ है. केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री ने कहा कि उन्होने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वो गांव-गांव जाकर जनता को कैशलेस लेन देन के लिए प्रेरित करे और उसके लाभ बताये. उन्होने कहा कि इसके लिए यदि आवश्यकता हुई तो जिला प्रशसन के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर शिविर लगाकर जनता को कैशलेस लेन देन के लिए प्रेरित किया जायेगा. ई-कॉमर्स का विस्तार सालाना 51 फीसदी के दर से हो रहा है वहीं नोटबंदी के बाद इसमें बढ़ोतरी हुई है. रुडी ने कहा कि सरकार के इस फैसले से न केवल आमजन के प्रतिदिन के हो रहे खर्च में और समय की बचत हुई है.