परेशानी. ग्रामीणों ने मिट्टी भर कर बनायी सड़क, कटाव की आशंका से जल संसाधन विभाग परेशान
परसा : गंडक नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण प्रखंड के परसादी दीयर को जोड़नेवाली सड़क पर पानी के दवाब के कारण निर्माणाधीन पुल पानी में बह गया और पानी की तेज रफ्तार होने के निर्माणाधीन सड़क टूट गयी, जिससे गांव का संपर्क भंग हो गया. सड़क टूटने की खबर स्थानीय ग्रामीण और मुखिया प्रतिनिधि कृष्णा साह द्वारा सीओ अवधेश कुमार नेपाली, जिला पार्षद रीता देवी और जिप सदस्य प्रतिनिधि कमलेश राय को दी गयी. सूचना मिलने पर सीओ और जिप प्रतिनिधि ने मौके पर पहुंच सोनपुर एसडीओ को जानकारी दी.
जिस पर पहल करते हुए एसडीओ ने सड़क मरम्मत का निर्देश दिया. निर्देश के आलोक में जेसीबी मशीन से टूटती सड़क की मरम्मत करायी गयी. सड़क पर मिट्टी डाल कर उसे ऊंचा किया गया. तब जाकर यातायात बहाल हो सका. दोपहर में एसडीओ ने खुद परसादी दीयर पहुंच जानकारी प्राप्त की तथा ग्रामीणों को हर संभव मदद करने का अाश्वासन दिया. वहीं परसादी कारखाना, मुरहिया, बलिगांव, परसौना गंडक पार आदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भी निरीक्षण किया गया. प्रशासनिक तौर पर भी पैनी नजर रखी जा रही है.
नदियों के जल स्तर में कमी : छपरा (सदर). जिले की गंडक, घाघरा एवं गंगा नदियों के जल स्तर में पिछले 24 घंटे में चार से पांच इंच कमी मापी गयी है. जल स्तर में कमी से निश्चित तौर पर बाढ़पीड़ितों के साथ-साथ जल संसाधन विभाग एवं प्रशासन के पदाधिकारियों ने राहत की सांस ली है. परंतु जल संसाधन विभाग के सामने जल स्तर घटते ही नयी समस्या उत्पन्न होने लगी है. जल स्तर घटने से गंडक समेत तीनों नदियों में आधा दर्जन स्थानों पर कटाव की आशंका बढ़ गयी है.
जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार के अनुसार सारण तटबंध के अलावा सोनपुर में दो-तीन स्थानों पर कटाव के मद्देनजर निरीक्षण एवं कटाव से लड़ने तैयारियों की व्यवस्था में लगे रहे. उन्होंने बताया कि वे मंगलवार को ताजपुर सिताब दियारा आदि में भी कटाव की संभावना के मद्देनजर अपने स्तर से कनीय पदाधिकारियों के माध्यम से तैयारी में लगे हैं. उधर, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन के द्वारा उपलब्ध करायी गयी नावों की संख्या कम होने की वजह से पानापुर, मकेर, परसा आदि प्रखंडों में बाढ़पीड़ित निजी नावों के उपयोग से बाढ़ के कारण उत्पन्न समस्या को कम करने के लिए प्रयासरत दिख रहे हैं. बाढ़पीड़ित क्षेत्रों के कम-से-कम एक दर्जन विद्यालयों में पठन-पाठन ठप है.
गंगा व सरयू के जल स्तर में वृद्धि से कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी : डोरीगंज (छपरा). रफ्तार यही रही तो अगले 24 घंटे में जलमग्न हो जायेंगी दियारा की तीन पंचायतें. चिरांद दलित बस्ती व मुसेपुर के नेहाला टोला भी होंगे प्रभावित. सारण में गंडक के उफान के बाद गंगा व सरयू के जल स्तर में रविवार की देर शाम से वृद्धि जारी है. अगर यही स्थिति रही तो सदर प्रखंड दियारा के रायपुर विंदगावां, कोटवापट्टी रामपुर, बड़हारा महाजी, मुसेपुर के नेहाला टोला व चिरांद पंचायत का दलित बस्ती बाढ़ के पानी से घिर जायेंगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सोन उग्र होता है,
तो स्थिति संभाले नहीं संभलेगी. हालांकि अभी स्थिति गंभीर नहीं है. लेकिन मध्य प्रदेश में जिस तरह वर्षा हो रही है, उसके हिसाब लोगों में दहशत है. क्योंकि सोन नदी मध्य प्रदेश से होकर गुजरती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थिति बिगड़ने से पहले प्रशासन को नाव संबंधित गांवों में भेजनी चाहिए. इस संबंध में सदर अंचलाधिकारी विजय कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ से निबटने के लिए 40 नावों का लाॅग बुक खोला गया है तथा हर स्थिति से निबटने की तैयारी कर रखी है.
रिंग बांध टूटने से गांव में घुसा पानी : अमनौर. प्रखंड के परशुरामपुर गांव से गुजर रही गंडक नदी का रिंग बांध टूटने के कारण 150 एकड़ फसल के साथ-साथ लगभग 30 घर बाढ़ से प्रभावित हो गये हैं. बाढ़पीड़ितों के सामने आवागमन, खानपान व पशुओं के चारे की समस्या उत्पन्न हो गयी है. बाढ़ पीड़ित ब्रह्मदेव सिंह, राजेश्वर सिंह, माधो सिंह, मनमोध सिंह, राकेश सिंह, पारस सिंह, संतोष सिंह, बिंदा सिंह, सुदामा सिंह, अखिलेश सिंह आदि का कहना था कि हम सभी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. वहीं विभागीय अधिकारी एवं स्थानीय प्रशासन उदासीन है. इनकी शिकायत थी कि उक्त रिंग बांध वर्षों से जर्जर स्थिति में है. प्रति वर्ष बरसात के दिनों गंडक नदी में जल स्तर में वृद्धि के दबाव से टूट जाता है. मगर इसकी पूर्ण मरम्मत नहीं हो पाती है. सूचना पाकर मौके पर अमनौर सीओ मनोज कुमार श्रीवास्तव पहुंच टूटे हुए बांध का जायजा लिया तथा इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को दी. बाढ़पीड़ितों के राहत के लिए बीडीओ से बात कर पहल की जायेगी. वहीं प्रखंड कृषि पदाधिकारी को नुकसान हुई फसल का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट सौंपने को निर्देशित किया गया है.