छपरा (सारण) : भूमि विवाद के कारण हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही है, जिससे पुलिस की परेशानी बढ़ती जा रही है. गुरुवार को नगर थाना क्षेत्र के कटहरीबाग आर्य नगर में हुई हत्या की घटना समेत एक पखवाड़े में आधा दर्जन हत्याएं हो चुकी है.
इस घटना के एक दिन पहले मढ़ौरा थाना क्षेत्र के बरदहियां पीपरपाती टोला में रामानंद राय को लाठी-डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी. इसके पहले तरैया थाना क्षेत्र के बेलहरी फरीदापुर गांव के धीरज कुमार यादव की मारपीट कर हत्या कर दी गयी. दस दिनों पहले पानापुर थाना क्षेत्र के मोरेया गांव में सिपाही राय नामक एक व्यक्ति की हत्या उसी के पट्टीदारों ने लाठी-डंडे से पीट-पीट कर कर दी. इसके अलावा दरियापुर, रिविलगंज, बनियापुर, परसा, मकेर समेत अन्य स्थानों पर भूमि विवाद के कारण हत्या की घटनाएं हो चुकी है.
क्या है मामला
इस जिले की घनी आबादी है. भूमि के छोटे-छोटे टुकड़े है. घनी आबादी और छोटे-छोटे टुकड़े होने के कारण विवाद अधिक हो रहा है और इसका मुख्य कारण चकबंदी का कार्य लंबे समय से नहीं होना है.
करीब 90 वर्ष पहले इस जिले के भूमि का सर्वे (चकबंदी) कराया गया था, जिसके बाद से यह कार्य नहीं हुआ है. भूमि विवाद के कारण मारपीट की घटनाएं भी बढ़ रही है. भूमि विवाद में हत्या होने के बाद विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो रही है. इस वजह से पुलिस की परेशानी बढ़ती जा रही है. भूमि विवाद के मामलों में पुलिस के उलझे रहने के कारण अन्य महत्वपूर्ण कार्य बाधित हो रहे है.
क्या है उपाय
भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू हुआ है. खतियान बनाने का कार्य चल रहा है. हालांकि वर्तमान समय में इस कार्य की गति धीमी है. सरकार द्वारा भूमि का डिजिटल नक्शा बनाने के लिए कार्रवाई की जा रही है. सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण होने पर भूमि विवादों में कमी आने की संभावना है. भूमि विवाद के चलते हत्या व मारपीट की बढ़ती घटनाओं के कारण फौजदारी तथा दीवानी मुकदमों की भी बोझ बढ़ रही है. यह पुलिस प्रशासन के लिए भी गंभीर समस्या बनी हुई है.
क्या कहते हैं एसपी
भूमि विवाद के कारण हो रही घटनाओं का कारण इस जिले में लंबे समय से भू-सर्वेक्षण नहीं होना है. यहां काफी छोटे-छोटे भूखंड है और घनी आबादी वाला जिला है. भू-सर्वेक्षण हो जाने के बाद इसमें कमी आने की संभावना है.
पंकज कुमार राज, पुलिस अधीक्षक, सारण