कुव्यवस्था. अतिक्रमण व सफाई की लचर व्यवस्था से शहरवासी होते हैं परेशान
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साहब बताएं, आखिर हम चलें किधर से
कुव्यवस्था. अतिक्रमण व सफाई की लचर व्यवस्था से शहरवासी होते हैं परेशान व्यावसायिक मंडियों में प्रतिदिन लगता है जाम वाहनों को यत्र-तत्र खड़ा करने व वन वे ट्रैफिक नियम का पालन नहीं होना भी है मुख्य वजह कहीं नाक पर रूमाल रख कर, तो कहीं कपड़े उठा कर चलने की विवशता छपरा नगर पर्षद क्षेत्र […]
व्यावसायिक मंडियों में प्रतिदिन लगता है जाम
वाहनों को यत्र-तत्र खड़ा करने व वन वे ट्रैफिक नियम का पालन नहीं होना भी है मुख्य वजह
कहीं नाक पर रूमाल रख कर, तो कहीं कपड़े उठा कर चलने की विवशता
छपरा नगर पर्षद क्षेत्र के दर्जन भर मुहल्लों व मुख्य व्यावसायिक मंडियों में सफाई की लचर व्यवस्था व अतिक्रमण ने मुहल्लावासियों व राहगीरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. समय-समय पर जिला प्रशासन व नप प्रशासन द्वारा शहरों के विभिन्न मार्गों की सफाई व अतिक्रमण हटा कर आम नागरिकों को बेहतर सुविधा देने का वादा तो किया जाता है, परंतु, कुछ ही दिनों बाद स्थिति जस-की-तस बन जाती है.
छपरा(सदर) : शहर के कई मार्गों में कचरे के जमा होने तथा उनको नियमित रूप से नहीं हटाये जाने के कारण उससे निकलनेवाली बदबू के कारण नागरिकों को मुंह पर रूमाल रख कर सड़क पार करने की मजबूरी होती है. इसका जीता जागता उदाहरण शहर के ह्दय स्थल में स्थित नगरपालिका चौक से योगिनिया कोठी की ओर जानेवाली सड़क है. इस सड़क में नगरपालिका चौक से सौ मीटर की दूरी पर सड़क के पूर्वी छोर पर लगे कचरे के ढेर पर सूअरों की चहल-कदमी के कारण उससे निकलने
वाली बदबू से हर गुजरने वाले राहगीर को दो-चार होना पड़ता है. कभी नगर पर्षद प्रशासन या स्थानीय प्रतिनिधियों ने इस समस्या के समाधान की जरूरत नहीं समझी.
वहीं भीषण गरमी के बावजूद शहर के कुछ वार्डों यथा दलदली बाजार, दहियावां, मौना गोला मंडी, इंदिरा नगर में लोगों को गंदगी व सरांध के बीच अपना जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है. नालियों की सफाई की लचर व्यवस्था के कारण नाले का पानी गलियों व गलियों की सड़कों पर फैल जाता है. जिससे उन गलियों में रहनेवाले लोगों या अन्य राहगीरों और खास कर स्कूली बच्चों को इन मार्गों से होकर पार करना मुश्किल हो जाता है.
राहगीरों के लिए बने प्लेटफॉर्म पर दुकानदारों का कब्जा : नगर विकास विभाग के द्वारा शहर के विभिन्न मार्गों में नाले पर प्लेटफाॅर्म बनाये गये हैं, जिससे राहगीर आसानी से एक ओर से दूसरी ओर आ-जा सके. परंतु, शहर के विभिन्न मार्गों में बनाये गये करोड़ों की लागत के प्लेटफाॅर्म अतिक्रमण के शिकार हैं. छपरा शहर के नगरपालिका चौक से सलेमपुर चौक, मौना चौक होते गांधी चौक तक सड़क की दोनों तरफ बने प्लेटफाॅर्म पर दुकानदारों द्वारा विभिन्न प्रकार की विक्रय की
जानेवाली सामग्री रख कर पैदल चलनेवालों के लिए अवरुद्ध कर दिया जाता है. परंतु, प्लेटफाॅर्म को अतिक्रमण मुक्त कराने की जरूरत न तो जिला प्रशासन और न नगर पर्षद प्रशासन समझता है.
कमोबेश यही स्थिति नगरपालिका चौक से थाना चौक जानेवाली सड़क, नगरपालिका चौक से राजेंद्र सरोवर जानेवाली सड़क, नगर थाना चौक से साहेबगंज जानेवाली सड़क की है. वहीं मौना चौक व्यावसायिक मंडी के चारों तरफ जानेवाली सड़क पर दुकानदारों द्वारा मिर्च एवं विभिन्न प्रकार के मसाला से संबंधित बोरे आदि को सड़कों पर रखने व सफाई न करने के कारण मौना चौक व्यावसायिक मंडी में जानेवाले शहरवासियों को सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. विभिन्न प्रकार के मिर्च मसालों से निकलने वाले झांस के कारण इस बाजार में शाम के समय जानेवालों को खांसी और छींक बढ़ जाती है.
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