रंजिश में वारदात. कोर्ट बम ब्लास्ट के बाद शुरू हुआ दुश्मनी साधने का दौर, कई परिवारों को अपराधियों का डर
छपरा कोर्ट परिसर में सोमवार को बम ब्लास्ट के बाद शहर में सनसनी फैल गयी. शहर के लोगों को 19 सितंबर, 2014 को हुए बम ब्लास्ट की याद ताजा हो गयी. दोनों ब्लास्ट जमीन विवाद व आपसी रंजिश के ही नतीजे है. सोमवार की घटना के मामले में पुलिस छानबीन कर ही रही है कि
बुधवार की दोपहर इसी घटना से जुड़े तार में तीन लोगों को गोली मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया. इस घटना में पहले से फरार अपराधी धर्मेंद्र राय के पिता, मां व बहन गंभीर रूप से घायल हो गये, जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है. पुलिस नये सिरे से दोनों मामलों की छानबीन में जुट गयी है और घटना में संलिप्त अपराधी की गिरफ्तारी के िलए छापेमारी कर रही है.
छपरा (सारण) : बदले की आग एक बार फिर धधकी है, जिससे खूनी खेल थम नहीं रहा है. सोमवार को सिविल कोर्ट हुई बम ब्लास्ट की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई कि इसी बीच बुधवार को गड़खा थाने के मीनापुर गांव में हुई घटना ने डेढ़ दशक पुरानी कहानी में एक नया अध्याय जोड़ दिया है. मीनापुर और सिविल कोर्ट इस कहानी में डेढ़ दो वर्ष पहले शामिल हुआ. मीनापुर निवासी तथा कुख्यात अपराधी धर्मेंद्र राय के घर पर डेढ़ वर्ष पहले भी हमला हुआ था,
जिसमें धर्मेंद्र के छोटे भाई उपेंद्र राय की मौत गोली लगने से हो गयी थी़ वहीं, उसके पिता रामनाथ राय गंभीर रूप से घायल हो गये थे. इस हमले में धर्मेंद्र राय के ही गिरोह के अपराधी अरुण साह तथा दो अन्य का नाम सामने आया था. इस मामले में अरुण साह के खिलाफ नामजद प्राथमिकी भी दर्ज है. कुख्यात अपराधी अरुण साह फिलहाल छपरा मंडल कारा में बंद है, उसके खिलाफ लूट, हत्या, ट्रेन डकैती के मामले दर्ज हैं. मीनापुर में धर्मेंद्र के घर पर हुए हमले का तार सिविल कोर्ट बम ब्लास्ट से जुड़ा है.
अरुण के इशारे पर तो नहीं हुआ हमला
मीनापुर गांव में कुख्यात धर्मेंद्र राय के घर पर जेल में बंद अपराधी अरुण साह के इशारे पर तो नहीं हुआ है. इसकी आधार बना कर पुलिस जांच कर रही है. दरअसल सोमवार को सिविल कोर्ट परिसर में हुए केन बम ब्लास्ट में धर्मेंद्र की संलिप्तता सामने आयी है. खुशबू कुमारी को केन बम के साथ कोर्ट परिसर में धर्मेंद्र राय ही लेकर आया था. डेढ़ वर्ष पहले अपने भाई की हुई हत्या तथा पिता पर हमले का बदला लेने के लिए धर्मेंद्र ने यह योजना जेल में बंद अपराधियों के साथ मिल कर बनायी थी. सोमवार को अरुण साह तथा नन्हकी सिंह की कोर्ट में पेशी होने वाली थी. अरुण ने ही डेढ़ वर्ष पहले धर्मेंद्र के भाई की हत्या की थी. सोमवार को धर्मेंद्र की योजना न केवल विफल हो गयी बल्कि अरुण तथा नन्हकी को उड़ाने के लिए केन बम लेकर आयी खुशबू ही खुद बम ब्लास्ट का शिकार बन गयी और यह पूरा मामला लीक हो गया. जेल में बंद कुख्यात अरूण साह के इशारे पर उसके सहयोगियों ने धर्मेंद्र के घर पर हमला किया और उसके मां, पिता व बहन समेत तीन गंभीर रूप से घायल हो गये.