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शराबबंदी का एक असर ऐसा भी

दिघवारा : आपने किसी कन्या विद्यालय में लड़कों का नामांकन होते नहीं देखा होगा मगर किसी सामान्य हाइ स्कूल में लड़कियां नामांकन न लें, तो यह बात अचरज सा लगता है. सारण जिले के दिघवारा प्रखंड अधीन जयगोविंद उच्च विद्यालय में लड़कियां नामांकन नहीं लेती हैं एवं पिछले 11 सालों से सहशिक्षा वाले इस विद्यालय […]

दिघवारा : आपने किसी कन्या विद्यालय में लड़कों का नामांकन होते नहीं देखा होगा मगर किसी सामान्य हाइ स्कूल में लड़कियां नामांकन न लें, तो यह बात अचरज सा लगता है. सारण जिले के दिघवारा प्रखंड अधीन जयगोविंद उच्च विद्यालय में लड़कियां नामांकन नहीं लेती हैं एवं पिछले 11 सालों से सहशिक्षा वाले इस विद्यालय में सिर्फ लड़के ही मैट्रिक पास करते आ रहे हैं. मगर इस साल से अब इस विद्यालय में इच्छुक लड़कियों के नामांकन का विद्यालय प्रबंधन ने फैसला लिया है.

कमोबेश प्रदेश में शराबबंदी होने से स्कूल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है, क्योंकि जो रास्ते शराबियों के जमघट के कारण असुरक्षित थे, अब शराबबंदी से कल का लड़कियों के लिए असुरक्षित रास्ता सुरक्षित हो गया है, जिस कारण स्कूल आने में लड़कियों को कोई दिक्कत नहीं होगी.

बंद हो चुकी है शराब दुकान, बदली है परिस्थिति : पहले पश्चिमी रेलवे ढाला के सिनेमा हॉल से स्कूल तक पहुंचने के रास्ते में कई शराब व ताड़ी की दुकानें लगती थी, जिस कारण शराबियों की फब्तियां व अन्य कारणों के डर से लड़कियां स्कूल में नामांकन नहीं लेती थीं, मगर बीते एक अप्रैल से शराबबंदी होने से शराब की दुकानें बंद हो गयी हैं वहीं परिस्थिति भी बदल गयी है.
महिला भी रह चुकी है प्रधानाध्यापिका, महिला शिक्षिका भी हैं स्कूल में : लोग समझते हैं कि इस विद्यालय में लड़कियों का नामांकन नहीं होता है, जबकि यह बात पूरी तरह से गलत है.लड़कियां नामांकन में रुचि नहीं दिखाती हैं.यहां यह भी बता दें कि इस विद्यालय में रानी चंद्रलेखा जैसी महिला पूर्व में प्रधानाध्यापिका रह चुकी हैं. इतना ही नहीं विद्यालय में महिला शिक्षिका भी पदस्थापित हैं.

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