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निदेशक का आदेश नहीं मान रहे पदाधिकारी
संवाददाता, सीवान जिले शिक्षा विभाग प्राथमिक शिक्षा के निदेशक का भी निर्देश मानने को बाध्य नहीं है. भले ही उनके निर्देश से शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो, परंतु इसका असर वरीय पदाधिकारियों पर नहीं दिख रहा है. हां, इतना जरूर है कि खानापूर्ति के लिए बीच-बीच में पदाधिकारी पत्र जारी करते रहते हैं. यह स्थिति […]
संवाददाता, सीवान
जिले शिक्षा विभाग प्राथमिक शिक्षा के निदेशक का भी निर्देश मानने को बाध्य नहीं है. भले ही उनके निर्देश से शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो, परंतु इसका असर वरीय पदाधिकारियों पर नहीं दिख रहा है. हां, इतना जरूर है कि खानापूर्ति के लिए बीच-बीच में पदाधिकारी पत्र जारी करते रहते हैं. यह स्थिति प्रख्ांड स्तर से लेकर जिला स्तर तक बनी हुई है. क्या कारण है कि निदेशक के पत्र जारी करने के तीन माह बाद भी जिले के कई प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में कनीय शिक्षक से वरीय शिक्षक को प्रभार देने संबंधी कार्य अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है. हालांकि इस कार्य के लिए निदेशक के पत्र प्राप्ति के बाद अबतक दो बार जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा संबंधित प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भी पत्र भेजा जा चुका है. परंतु कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के विशेष आशीर्वाद के कारण प्रभार संबंधी कार्य पूरा नही किया जा सक ा है. ऐसा ही मामला हुसैनगंज प्रख्ांड के चार विद्यालयों में सामने आया है. जहां वरीय शिक्षक के रहते हुए कनीय शिक्षक को प्रभार में रखा गया है. ये विद्यालय हैं- उत्क्रमित मध्य विद्यालय टेघड़ा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय जुड़कन, उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामनगर हथौड़ी टोला हिंदी व राजकीय मध्य विद्यालय सुरापुर छपियां. उत्क्रमित मध्य विद्यालय, जुड़कन में तीन-तीन वरीय शिक्षकों के रहते हुए मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमान वाले शिक्षक को प्रभार में रखा गया है. यही हाल उत्क्रमित मध्य विद्यालय, टेघड़ा का भी है. जहां बीएससी प्रशिक्षित वेतनमान शिक्षक के मौजूद रहते हुए मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमानवाले को प्रभार में रखा गया है.
उत्क्रमित मध्य विद्यालय, रामनगर हथौड़ी टोला हिंदी में बीए, बीएससी प्रशिक्षित शिक्षक के रहते हुए मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षक प्रभार में हैं. जबकि राजकीय मध्य विद्यालय, सुरापुर छपियां का भी यही हाल है. यहां बीएससी प्रशिक्षित शिक्षक के रहते हुए मैट्रिक प्रशिक्षित को प्रभार दिया गया है. बताते चलें कि निदेशक, प्राथमिक शिक्षा ने एक पत्र जारी कर (पत्रंक 1345) सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया था कि जिले के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में वरीय शिक्षक के रहते कनीय शिक्षक को प्रभार में नहीं रखना है. इससे विद्यालय में कई तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं. इसी पत्र के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सात दिसंबर, 2013 को पत्रंक 1679 के माध्यम से सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पत्र निर्गत कर इस कार्य को करने का आदेश दिया था. लेकिन उक्त विद्यालयों में स्थानीय पदाधिकारियों की शिथिलता के कारण कार्य को संपन्न नहीं कराया जा सका है. जबकि निदेशक के पत्र में यह साफ तौर पर उल्लेख किया गया था कि जिन शिक्षकों द्वारा प्रभार देने तथा प्रभार लेने में आनाकानी की जा रही है. इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी है, जिसमें खाता संचालन बंद करना, प्राथमिकी दर्ज करना व निलंबित करना शामिल था.
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