मकेर : कुव्यवस्था के खिलाफ स्वास्थ्य केंद्र, मकेर के परिसर में ग्रामीणों ने जम कर हंगामा किया. विदित हो कि बगल के गांव चकिया के 80 वर्षीय अवध बिहारी राय की तबीयत मंगलवार को अचानक बिगड़ गयी. परिजन उन्हें स्वास्थ्य केंद्र, मकेर ले आये. डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद पीएमसीएच रेफर कर दिया.
परिजन सरकारी एंबुलेंस से मरीज को पीएमसीएच ले जा रहे थे कि अचानक मरीज की स्थिति बिगड़ने लगी, तो हाजपुर के राजेश्वरी नर्सिंग हो में भरती कराया. एंबुलेंस मरीज को राजेश्वरी नर्सिंग होम में उतार कर वापस आ रहा था कि 20 मिनट के बाद मरीज की मौत हो गयी. मृतक के पुत्र प्रेम कुमार ने एंबुलेंस के चालक से मोबाइल पर बात की मेरे पिता की मौत हो गयी है, इन्हें वापस ले जाना है.
एंबुलेंस से नहीं लाया जाता है शव
चालक सुरेश कुमार सिंह ने बताया एंबुलेंस से शव नहीं ढोया जाता है. इसी बात को लेकर दोनों में मोबाइल पर ही कहा-सुनी हुई. वहीं, मरीज को दूसरी गाड़ी से परिजन लेकर घर पहुंचे. बुधवार की सुबह दर्जनों लोग स्वास्थ्य केंद्र में पहुंच कर हो-हंगामा करने लगे. हरेंद्र महतो, योगेंद्र राय, लालदेव राय, चंदेश्वर राय ने बताया कि मरीज को एंबुलेंस से ले जाया जायेगा. अगर मरीज की मौत हो गयी, तो वापस नहीं लाया जायेगा. उसके लिए दूसरी गाड़ी करनी पड़ेगी. यह कहां का नियम है.
वहीं, लोग अस्पताल में दवा नहीं दिये जाने का भी आरोप लगा रहे थे. प्रसव पीड़िताओं को घर पहुंचाने के लिए नजराना लिया जाता है. डॉक्टर समय पर नहीं आते. स्वास्थ्य केंद्र में साफ -सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है. साथ ही अस्पताल बिचौलियों का अड्डा बन गया है. इस संबंध में चालक सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि एंबुलेंस शव ढोने के लिए नहीं है. अगर मरीज की मौत इलाज के लिए ले जाते समय हो गयी, तो लाया जा सकता है. वहीं चिकित्सा पदाधिकारी सुमन कुमार ने बताया कि जो भी आरोप है, वह सब बेबुनियाद है.