छपरा(सारण) : बनियापुर थाना क्षेत्र के पीठौरी गांव में शनिवार को मारे गये कुख्यात अपराधी राजन साह के सहयोगी की पहचान आतंकवादी संगठन उल्फा के सदस्य के रूप में हुई है. इसके साथ ही इस बात को लेकर आंशका व्यक्त की जा रही है कि राजन साह का भी संबंध आतंकी संगठन उल्फा के साथ जुड़ा था. इसको लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है़ दूसरे शव की पहचान असम प्रदेश के डिब्रुगढ़ जिले के बोरबुराह थाना क्षेत्र के जमीराह चंगमाई गांव निवासी स्व रांगी चंगमाई के पुत्र हेमंता चंगमाई उर्फ चिना के रूप में की गयी है
. उसके खिलाफ डिब्रुगढ़ जिले के बोरबुराह थाना समेत कई थानों में देशद्रोही तथा आतंकी संगठन उल्फा के गतिविधियों में सलिंप्त रहने की मामले दर्ज है. इसकी पुष्टि बोरबुराह थानाध्यक्ष द्वारा सारण पुलिस को भेजे गये पत्र मे किया गया है. पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि शनिवार को पीठौरी पांडेय टोला के पास नहर से दो अज्ञात शव बरामद किये गये थे, जिसमें से एक की पहचान उसी दिन कुख्यात राजन साह के रूप में कर ली गयी थी, जबकि दूसरे शव की पहचान नहीं हो पायी थी. दूसरे जिस शव की पहचान की गयी है वह आतंकी संगठन उल्फा के सदस्य के रूप में हुई है. इस मामले में वांटेड पीठौरी गांव के नरेश राय को पुलिस ने सोमवार को ही गिरफ्तार कर लिया था.
इस मामले में कई अन्य संदिग्धों को भी पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है. जिनसे पूछताछ की जा रही है. बताते चलें कि पुरानी अदावत के कारण राजन साह को असम से नरेश राय के द्वारा साजिश के तहत बुलाकर लाया गया था और उसकी सहयोगी हेमंता चंगमाई के साथ मार दिया गया. जिले के खैरा थाना क्षेत्र के पहारपुर गांव का कंचन साह का चौथा पुत्र कुख्यात अपराधी राजन साह कई वर्षो से अपने गांव या इलाके में नहीं आया था. उसके तीन भाई दिनेश साह, अशोक साह, संजय साह है, जो असम में कारोबार करते हैं, उसके पिता कंचन साह की मृत्यु 2015 में हो गयी थी. उसके गांव पर उसके परिवार के एक भी सदस्य नहीं रहते है बल्कि उसके चाचा 70 वर्षीय शिवपरसन साह रहते हैं.
शिव परसन साह को विश्वास नहीं हो रहा था की जो राजन असम में है, उसकी अचानक बनियापुर थाना क्षेत्र के पिठौरी गांव में हत्या कर दी गयी है. मृतक राजन की पत्नी बबीता देवी आसाम के सोनारी से अपने पति का शव लेने के लिए जब छपरा पहुची तो पुलिस के समक्ष उसने बताया कि घटना के दो दिन पहले राजन साह अपने गांव पहारपुर आया था और वह नरेश राय के साथ अपने घर पर हीं रूका था. गांव में एक दिन रहने के बाद वह पीठौरी गया था जहां गैंगवार में वह मारा गया दूसरे शव के पहचान के साथ इस बात की आशंका बढ़ गयी है कि कहीं राजन साह का भी तार आतंकवादी संगठन उल्फा से तो नहीं जुड़ा था.