छपरा (कोर्ट) : भौतिकवाद रूपी जल में जीवन रूपी नौका को निर्विवाद रूप से ज्ञान के पतवार से ही हम उस परामात्मा के परमधाम तक पहुंच सकते हैं. संपूर्ण संसार भगवान का ही स्वरूप है. सुख और दुख की चाह छोड़ भगवान की चाह ही सर्वोत्तम है. उक्त प्रवचन मंगलवार को शहर के उमानाथ मंदिर परिसर में चल रहे श्री मदभागवत महा पुराण ज्ञान यज्ञ में स्वामी गोपालाचार्य जी महाराज ने उपस्थित भक्त जनों को सुनाया.
वेदांत मार्तण्ड श्री महाराज ने कथा का प्रारंभ गुरु वंदना से करते हुए भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की चर्चा की तथा उनके बाल स्वरूप की मनोहर झांकी भी प्रस्तुत किये. उन्होंने कहा कि भगवान की आराधना ही हमें समस्त उर्जा एवं मुक्ति का द्वार प्रदान करेगी. साथ ही कहा कि घोर कलिकाल होने के कारण आज हम एक दूसरे से प्रेम पूर्वक बात भी नहीं कर सकते जो हमारे जीवन शैली को विषाक्त बनाते जा रहा है.
इस अवसर पर श्रीललन प्रताप सिंह, मदन सिंंह, जयराम सिंह, जयराम सिंह, अरुण पुरोहित, अचार्य रंगनाथ तिवारी, पं श्याम सुंदर मिश्र, उमरावती देवी, लक्ष्मण तिवारी, पुरुषोत्तमाचार्य, पं मनीष पांडेय, पं कुंदन शुक्ल, पं भुपेंद्र जी, पं अरुण शुक्ल, पं अरविंद तिवारी, पं. गौतम तिवारी, निर्मल जी, राजेश, पं. अशोक कुमार मिश्र, कपिलदेव राय, परशुराम राय, विभुति नारायण, राजकुमारी, अवधेश्वर सहाय सहित सैकड़ों भक्त गणों ने भक्ति सरिता में डुबकी लगायी. ओम नारायण सिंह आदि शामिल थे.