17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में खुलेगा मदर्स मल्कि बैंक

बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में खुलेगा मदर्स मिल्क बैंकबैंक के अध्ययन के लिए जनवरी में जायेगी चार लोगों की टीमसभी मेडिकल कॉलेजों और महावीर वात्सल्य में खुलेगा मदर्स मिल्क बैंकस्पेशल सेल, पटनाबिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में मदर्स मिल्क बैंक खुलेगा. इसकी तैयारी चल रही है. इस बैंक से वैसे नवजात बच्चों को दूध […]

बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में खुलेगा मदर्स मिल्क बैंकबैंक के अध्ययन के लिए जनवरी में जायेगी चार लोगों की टीमसभी मेडिकल कॉलेजों और महावीर वात्सल्य में खुलेगा मदर्स मिल्क बैंकस्पेशल सेल, पटनाबिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में मदर्स मिल्क बैंक खुलेगा. इसकी तैयारी चल रही है. इस बैंक से वैसे नवजात बच्चों को दूध मिलेगा, जो माताएं अपने बच्चे को दूध पिलाने में असमर्थ हैं. इस संबंध में मंगलवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रस्तावित बैंक की योजना पर विमर्श किया गया. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को इस संबंध में पत्र भेजा है. केंद्र चाहता है कि राज्यों के सभी मेडिकल कॉलेजों में ऐसे बैंक खोले जाएं. मदर्स बैंक स्थापित करने को लेकर हुई बैठक में प्रेजेंटेशन भी पेश किया गया. केंद्र ने अक्तूबर में इस आशय का पत्र राज्य सरकार को भेजा था.राज्य सरकार सैद्धांतिक तौर पर राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में मदर्स मिल्क बैंक खोलने पर सहमत है. इसी आलोक में राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और महावीर वात्सल्य में मिल्क बैंक स्थापित करने संभावनाएं तैयार हो रही हैं. बैठक में राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों के शिशु रोग विभाग के प्रमुख, महावीर वात्सल्य अस्पताल के डायरेक्टर, बिहार हेल्थ सोसायटी के एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर के अलावा गैर सरकारी संस्थाओं निप्प, केयर, यूनीसेफ, सेव द चाइल्ड और पाथ के प्रतिनिधि मौजूद थे. महावीर वातसल्य के डायरेक्टर (एजुकेशन, ट्रेनिंग व रिसर्च) डॉ एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि प्रस्तावित बैंक चार स्तरों पर काम करेगा. पहला, यह मदर्स मिल्क को इकट्ठा करेगा. दूसरा, दूध की स्क्रिनिंग करके पता लगायेगा कि वह बच्चे को देने लायक है या नहीं. स्क्रिनिंग में हेपेटाइटिस, एचआइवी जैसी बीमारियों का पता लगाया जायेगा. तीसरा, स्क्रिनिंग में सही पाये गये दूध को स्टोर किया जायेगा. स्टोर करने के समय सभी दूध को मिलाया नहीं जायेगा. हर दूध को अलग-अलग कंटेनर में रखा जायेगा और उस पर तारीख लिखी जायेगी. चौथा काम होगा, दूध के डिस्ट्रिब्यूशन का, यानी जरूरतमंदों को मुफ्त में दूध मुहैया कराना. डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि मिल्क कलेक्शन और डिस्ट्रिब्यूशन में ममता, आशा और आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं की मदद ली जायेगी. इन्हीं की मदद से माताओं को अपना दूध मदर्स मिल्क बैंक को देने के लिए जागरूक किया जायेगा. बैंक में दूध दान में लिया जायेगा, इसके लिए कोई शुल्क नहीं दिया जायेगा. डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि मदर्स मिल्क बैंक के अलग-अलग पहलुओं की जानकारी के लिए जनवरी में चार लोगों की टीम उन केंद्रों पर जायेगी, जहां ये पहले से चल रहे हैं. किसको होगा फायदामदर्स मिल्क बैंक से वैसे शिशुओं को फायदा होगा, जिनकी माताएं किसी कारण से दूध पिलाने में असमर्थ हैं. कमजोर बच्चों को भी इससे फायदा होगा. एचआइवी संक्रमित माताओं के बच्चों को भी इससे फायदा होगा. अभी कहां-कहां चल रहे हैं बैंकमदर्स मिल्क बैंक अभी पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और राजस्थान के करीब दर्जन भर शहरों में चल रहे हैं. पटना में खुला था पहला मदर्स मिल्क बैंकडॉ एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि मुंबई के सियोन के लोकमान्य तिलक अस्पताल में स्थापित किया गया था. इसे डॉ अरमिडा फर्नांडीस ने स्थापित किया था. इसे एशिया का पहला मदर्स मिल्क बैंक कहा जाता है. इसका नाम स्नेहा है. इस मदर्स मिल्क बैंक के इस वर्ष नवंबर में 25 वर्ष पूरे हो गये हैं. लेकिन, इससे पहले 1968 में पटना के प्रसिद्ध डॉक्टर लाला सूर्यनंदन ने अपने स्तर पर पीएमसीएच में मदर्स मिल्क बैंक की स्थापना की थी. उस समय श्रीवास्तव पीएमसीएच में एमडी कर रहे थे. हालांकि, वह बैंक ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका था. फैक्ट्स 1. पूरे विश्व में करीब 517 मदर्स मिल्क बैंक हैं.2. ब्राजील में 200 से ज्यादा मदर्स मिल्क बैंक है. 3. मदर्स मिल्क बैंक की बदौलत 1990 के बाद से ब्राजील में शिशु मृत्यू दर में 73% की गिरावट आयी.4. भारत में करीब 14 ऐसे बैंक हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें