छपरा (सारण): ले में आयी प्रलयकारी बाढ़ ने शुक्रवार को शहर से लेकर गांव-देहात और दियारा क्षेत्रों में जमकर तबाही मचायी. गंगा, सरयू व सोन नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के कारण एक दशक का रिकॉर्ड टूट गया है. सरकार और प्रशासन द्वारा की गयी आपदा प्रबंधन की पोल खुलने लगी है. राहत व बचाव कार्य नगण्य होने के कारण बाढ़पीड़ितों का गुस्सा उबाल पर है. सड़कों पर प्रदर्शन-जाम, प्रखंड कार्यालय में तालाबंदी, पंचायत प्रतिनिधियों के घरों पर रोड़ेबाजी का दौर भी तेज हो गया है. जिले के करीब 10-11 प्रखंड बाढ़ग्रस्त हैं. डेढ़ सौ से अधिक पंचायतों के करीब 17-18 लाख की आबादी बाढ़ की विभीषिका ङोल रही है. करीब एक माह से बाढ़ का दंश ङोल रहे पीड़ितों को राहत के नाम पर कुछ प्रखंडों को छोड़ कर अधिकतर प्रखंडों में राहत सामग्री नहीं पहुंची है. मजे की बात यह है कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जिला व प्रमंडल प्रशासन के वरीय अधिकारी भी नहीं पहुंच रहे हैं.
शहर की बिगड़ी हालत
बाढ़ के कारण छपरा शहर की व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गयी है. मुख्य व्यावसायिक मंडी साहेबगंज, पुरानी गुड़हटी, सरकारी बाजार, तीन कोनिया, साहेबगंज, सोनारपट्टी की दुकानें बंद हैं और कारोबार ठप पड़ा है. करीमचक, खनुआ, कुरैशी मुहल्ला, छोटा तेलपा, रावल टोला, इमली मुहल्ला, दहियावां, रतनपुरा, ब्रहमपुर, अजयाबगंज मुहल्लों के लोग बाढ़ से पीड़ित हैं. लोगों के घरों व दुकानों में बाढ़ का पानी बह रहा है. जलीय जीव-जंतुओं के घर आंगन में तैरने से स्थिति भयावह बनी हुई है.
एक पखवारे से ठप है आवागमन
छपरा-पटना के बीच एनएच 19 पर करीब एक पखवारे से वाहनों का आवागमन ठप है. दफ्तरपुर से झौंवा के बीच करीब पांच किमी की दूरी में चार-पांच फुट ऊंचा गंगा नदी के बाढ़ का पानी बह रहा है. इस इलाके के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. बाढ़पीड़ितों का सड़क मार्गो से संपर्क भंग है. आवागमन का मुख्य साधन नौका है.
छपरा-मांझी मार्ग पर बढ़ा दबाव
छपरा-मांझी एनएच 19 पर ब्रह्मपुर पोखरी से इनई कांटी फैक्टरी तक करीब पांच स्थानों पर आधा किमी की दूरी में बाढ़ के पानी का बहाव काफी तेजी के साथ हो रहा है. बाढ़ का पानी दक्षिण से उत्तर की ओर जा रहा है. पानी की धारा तेज होने के कारण कई स्थानों पर एनएच का कटाव हो रहा है और क्षतिग्रस्त हो गया है. सड़क की सुरक्षा के लिए बनायी गयी बैरिकेडिंग ध्वस्त हो गयी है.
इनई में मिला वायपर
बाढ़ के पानी के साथ बह कर शुक्रवार को एक वाइपर सांप इनई आ गया, जिसे काफी सूझबूझ का परिचय देते हुए ग्रामीणों ने पकड़ कर डिब्बे में बंद कर दिया. उक्त सांप मनोज सिंह के घर के पास मिला. इसकी सूचना तत्काल वन प्रमंडल पदाधिकारी डॉ के गणोश कुमार को दी गयी. डीएफओ ने बताया कि वायपर सांप मिलने की यह दूसरी घटना है. वायपर को डीएफओ ने काफी विषैला बताया और कहा कि उसे हाथ में नहीं छूना चाहिए. उक्त सांप को वन विभाग अपने कब्जे में लेकर संजय गांधी जैविक उद्यान भेजे