छपरा (सारण) : राजा टोडरमल के जमाने में निर्मित खनुआ नाला इस शहर के साथ–साथ किसानों के लिए वरदान था, जिसे नगर पर्षद प्रशासन की लूट–खसोट नीति ने अभिशाप बना दिया है.
उक्त बातें पूर्व मंत्री व वरिष्ठ राजद नेता उदित राय ने शनिवार को अपने आवास गंगा सदन में पत्रकारों से कहीं. उन्होंने कहा कि खनुआ नाला की उड़ाही मार्च महीने में कराना चाहिए, लेकिन नाला उड़ाही के नाम पर सरकारी राशि का बंदरबांट करने के लिए बरसात के समय उड़ाही शुरू की गयी. वह भी दो चार दिनों में ही करा कर छोड़ दिया गया.
उन्होंने नप और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिन्होंने डेढ़ माह पहले उड़ाही कार्य का शुभारंभ किया था, वहीं अब विधानसभा में फिर से उड़ाही कार्य करने की मांग कर रहे हैं. सफाई के लिए संसाधनों का प्रयोग डीजल की चोरी के लिए किया जाता है. विजिलेंस से जांच करायी जाये तो, डीजल घोटाला सामने आ जायेगा.
उन्होंने कहा कि शहर की सफाई और नाला उड़ाही की विस्तृत योजना बना कर सरकार अगर कार्य कराती है तो, अच्छी बात है, लेकिन सफाई कार्य एनजीओ को नहीं दिया जाये, क्योंकि इससे लूट–खसोट और बढ़ जायेगा. सरकारी स्तर पर ही सभी कार्य कराये जाये. उन्होंने कहा कि ट्रैक्टरों की ट्रॉली जजर्र हैं और सफाई कार्य के नाम पर संसाधनों का दुरुपयोग डीजल चोरी के लिए हो रहा है. इस मौके पर अवध बिहारी राय, अनुकूलचंद यादव, मुन्ना राय आदि मौजूद थे.