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पुलिस टीम ने यूपी व बंगाल में की छापेमारी
छपरा (सारण) : इसुआपुर थानाध्यक्ष संजय कुमार तिवारी हत्या मामले के मुख्य सरगना कैलाश सिंह उर्फ चेक सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम के द्वारा पड़ोसी राज्य यूपी व पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में छापेमारी की जा रही है. इसके अलावा सारण समेत राज्य के कई जिलों में भी छापेमारी चल रही है. […]
छपरा (सारण) : इसुआपुर थानाध्यक्ष संजय कुमार तिवारी हत्या मामले के मुख्य सरगना कैलाश सिंह उर्फ चेक सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम के द्वारा पड़ोसी राज्य यूपी व पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में छापेमारी की जा रही है. इसके अलावा सारण समेत राज्य के कई जिलों में भी छापेमारी चल रही है.
थानाध्यक्ष हत्या मामले में पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसके अलावा अब तक करीब 50 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर चुकी है. मुख्य सरगना को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. पुलिस द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी में भले ही थानाध्यक्ष हत्या मामले का मुख्य सरगना नहीं पकड़ा गया है, लेकिन करीब एक दर्जन हत्या-लूट मामले के वांछित अपराधी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके है.
करीब एक दर्जन अपराधियों की है संलिप्तता :थानाध्यक्ष संजय कुमार तिवारी हत्या मामले में करीब एक दर्जन अपराधियों के संलिप्त होने की आशंका है. इसुआपुर थाने में दर्ज करायी गयी दूसरी प्राथमिकी में चेक सिंह समेत करीब आधा दर्जन अपराधियों को नामजद किया गया है, लेकिन इसमें और अपराधियों के संलिप्त होने की आशंका है. इस दिशा में पुलिस कार्रवाई कर रही है.
अपराधियों की संपत्ति की होगी कुर्की : फरार अपराधियों की संपत्ति की कुर्की-जब्ती की जायेगी. थानाध्यक्ष हत्या मामले में नामजद अपराधी कैलाश सिंह उर्फ चेक सिंह समेत अन्य अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी चल रही है, लेकिन अपराधी पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके हैं, जिसके मद्देनजर पुलिस ने अपराधियों की संपत्ति की कुर्की -जब्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अनुसंधानकर्ता के द्वारा न्यायालय से कुर्की जब्ती का आदेश प्राप्त करने की तैयारी की जा रही है.
दोनों मामलों के अनुसंधानकर्ता पुलिस निरीक्षक : थानाध्यक्ष हत्या मामले में पहले दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के अनुसंधानकर्ता पुलिस निरीक्षक सिद्धेश्वर प्रसाद बनाये गये थे.
उन्हें ही दूसरी प्राथमिकी का अनुसंधानकर्ता बनाया गया है. पहली प्राथमिकी अगौथर नंदा गांव के उपेंद्र मांझी के बयान दर्ज की गयी थी, जबकि दूसरी प्राथमिकी आइटी सेल के प्रभारी नीरज कुमार ने दर्ज करायी है. दोनों मामलों की एसपी के स्तर पर नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है और राज्य पुलिस मुख्यालय स्तर पर छापेमारी व कार्रवाई की मॉनीटरिंग चल रही है.
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