दिघवारा : दियारा के रास्ते दिघवारा से दानापुर जाने की इच्छा रखने वाले यात्रियों के एक बुरी खबर. इस बार दिघवारा के सामने गंगा नदी पर अस्थायी चचरी पुल का निर्माण नहीं होगा और पुल का निर्माण करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्रशासन ठोस कार्रवाई करेगा. पुल का निर्माण कार्य हुआ तो न केवल निर्माण […]
दिघवारा : दियारा के रास्ते दिघवारा से दानापुर जाने की इच्छा रखने वाले यात्रियों के एक बुरी खबर. इस बार दिघवारा के सामने गंगा नदी पर अस्थायी चचरी पुल का निर्माण नहीं होगा और पुल का निर्माण करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्रशासन ठोस कार्रवाई करेगा. पुल का निर्माण कार्य हुआ तो न केवल निर्माण कार्य में जुड़े लोगों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज होगी बल्कि ऐसे लोगों को जेल भी भेजा जा सकता है.
प्रशासन ने अपनी मंशा साफ करते हुए चचरी पुल के निर्माण पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है और दिघवारा बीडीओ ,सीओ व थानाध्यक्ष को पुलों का निर्माण न होने की जिम्मेदारी दी गयी है. आदेश में स्पष्ट जिक्र है कि पुलों के निर्माण होने पर ये तीनों पदाधिकारियों को ही जिम्मेदार माना जायेगा.
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष
वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर दिघवारा में गंगा नदी पर बन रहे चचरी पुल के निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया गया है,जब तक सक्षम पदाधिकारी द्वारा निर्माण को लेकर कोई निर्देश नहीं मिलता है तब तक पुल का निर्माण कार्य बंद रहेगा. सतीश कुमार, थानाध्यक्ष,दिघवारा
एसडीओ ने पुलों के नहीं बनने का जारी किया है आदेश
सोनपुर एसडीओ सुधीर कुमार ने निर्देश में कहा है कि दिघवारा में इस वर्ष गंगा नदी में किसी भी सूरत में चचरी पुलों का निर्माण नहीं होने दिया जायेगा और आदेश की अनदेखी कर निर्माण करने वालों के खिलाफ प्रशासन इस साल सख्ती से निबटेगा. 27 दिसंबर, 2017 को अपने पत्रांक 1759 के तहत जारी अपने आदेश में एसडीओ कुमार ने दिघवारा बीडीओ, सीओ व थानाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि गंगा नदी पर किसी भी प्रकार के पुल निर्माण हेतु सक्षम प्राधिकार की स्वीकृति आवश्यक होती है और किसी भी सूरत में गंगा नदी पर निजी पुल निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती है.इसलिए अगर बिना किसी सक्षम प्राधिकार के आदेश के कोई भी व्यक्ति द्वारा पुल का निर्माण करने की कोशिश की जाती है ,तो वैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. गंगा नदी पर पुल निर्माण होने के बाद पटना हाईकोर्ट में भी आवेदक द्वारा अपील की गयी थी. बाद में न्यायालय द्वारा सीडब्लूजेसे संख्या 4008/2017 पर दिघवारा के सामने गंगा नदी पर बगैर अनुमति के चचरी पुल का निर्माण व वाहनों से पैसे की अवैध वसूली पर गंभीर टिप्पणी की गयी थी, जिसके बाद से इस वर्ष जिला प्रशासन ने शुरू में ही चचरी पुलों के निर्माण पर रोक लगा कर कार्रवाई की अपनी मंशा को साफ कर दिया है.
2014 से हर साल बन रहा था पुल, पिछले साल खूब हुआ था बवाल
अकिलपुर के रास्ते दानापुर तक जाने के लिए वर्ष 2014 में दियारा के कुछ लोगों ने गंगा की धारा के मध्य एक चचरी पुल बनाया जिसके सहारे लोग दियारा के रास्ते पटना जाने लगे. फिर 2015 व 2016 में भी चचरी पुलों की संख्या बढ़ी और यात्रियों के अलावे दियारावासियों को खूब सहूलियतें हुई. मगर 2017 में जिला परिषद ने इस पुल का टेंडर निकाल दिया और टेंडर के बाद भी अवैध तरीके से एक और पुल का निर्माण कर दिया गया, जिससे बाद पुल निर्माताओं के बीच खूब बवाल मचा और कई बार स्थिति तनावपूर्ण हुई जिसके बाद दिघवारा थाने में सोनपुर के तात्कालिक एसडीओ मदन कुमार की उपस्थिति में पुल निर्माताओं की बैठक हुई थी ,मगर कोई हल न निकलने पर जिला परिषद से टेंडर को रद्द करते हुए सभी पुलों को हटाने का आदेश जारी हुआ था. पिछले वर्ष के तनाव को देखते हुए ही प्रशासन ने इस वर्ष कोई रिस्क नहीं लिया और चचरी पुलों के निर्माण पर रोक लगा दी है.