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” 62 लाख लौटाने का बैंक ने दिया आश्वासन

कुव्यवस्था. फर्जी तरीके से राशि निकालने का मामला छपरा (सारण) : जिला शहरी विकास अभिकरण के बैंक खाते से निकाली 62 लाख छह हजार नौ सौ रुपये की राशि वापस करने का बैंक अधिकारियों ने आश्वासन दिया है. बैंक अधिकारियों ने कहा है कि 20 दिनों के अंदर डुडा के खाते में उतनी राशि वापस […]

कुव्यवस्था. फर्जी तरीके से राशि निकालने का मामला

छपरा (सारण) : जिला शहरी विकास अभिकरण के बैंक खाते से निकाली 62 लाख छह हजार नौ सौ रुपये की राशि वापस करने का बैंक अधिकारियों ने आश्वासन दिया है. बैंक अधिकारियों ने कहा है कि 20 दिनों के अंदर डुडा के खाते में उतनी राशि वापस कर दी जायेगी. डुडा की ओर से छपरा नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद बैंक अधिकारी हरकत में आ गये हैं. बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच की है और इस मामले में पूरी तरह से पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के बनगांव स्थित पीएनबी शाखा के अधिकारियों-कर्मचारियों को दोषी माना गया है.
इसको लेकर बनगांव में बैंक के शाखा प्रबंधक प्रांतिक दत्ता व प्रशिक्षु प्रबंधक रूपम दास तथा स्वर्णनंग ज्वेलर्स के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. बैंक अधिकारियों ने डुडा के अधिकारियों तथा जिलाधिकारी को आश्वस्त किया कि बैंकिंग नियमों के तहत 20 दिनों में राशि लौटा दी जायेगी. साथ ही फर्जी ढंग से निकाली गयी राशि की वसूली की प्रक्रिया भी शुरू कर दियी गया. चेक को पास करने वाले बनगांव शाखा के अधिकारियों तथा कर्मचारियों से राशि की वसूली की जायेगी. बताते चलें कि जिला शहरी विकास अभिकरण के सरकारी खाते से 62 लाख रुपये की फर्जी निकासी की प्राथमिकी बुधवार को नगर थाना में दर्ज करायी गयी.
प्राथमिकी दर्ज होने की सूचना के बाद पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारी भी हरकत में आ गये. बैंक अधिकारियों ने जांच में यह पाया है कि डुडा के खाते से 62 लाख रुपये की राशि की निकासी करने में बैंकिंग नियमों का घोर उल्लंघन किया गया है और बैंक के पदाधिकारियों की मिलीभगत से ही फर्जी निकासी की गयी है. राशि की निकासी जिस प्राइवेट संस्था द्वारा की गयी है, उस नाम की कोई संस्था वहां पर है ही नहीं. फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर खाता खोला गया है. स्लर्णनंग ज्वेलर्स जो पता दिया गया है,
उस पते पर वह संस्था नहीं है. इस खुलासे ने बैंक कर्मियों के होश उड़ा दिया है. डूडा का खाता शहर के हथुआ मार्केट स्थित पंजाब नेशनल बैंक में है. डूडा के सरकारी रुपयों का लेन-देन इसी बैंक के खाते से किया जाता है, जिसके लिए बैंक ने डूडा को चेक निर्गत किया है. जिसके माध्यम से रुपयों की निकासी की जाता है,लेकिन 16 व 18 सितंबर 2017 को बैंक के तीन चेक पर कार्यपालक अभियंता का फर्जी हस्ताक्षर कर पश्चिम बंगाल के पीएनबी शाखा से करीब 62 लाख रुपये की निकासी की गयी है, उस चेक को छपरा शाखा से निर्गत नहीं किया गया है. 16 व 18 सितंबर को पश्चिम बंगाल के बनगांव स्थित शाखा से फर्जी चेक से करीब 62 लाख रुपये की फर्जी निकासी किया गया है.
बैंकिंग नियमों का हुआ है उल्लंघन
शहरी विकास अभिकरण के खाते से राशि की निकासी करने में बैंकिंग नियमों का घोर उल्लंघन किया गया है. दो लाख से अधिक का चेक होने पर बैंक के अधिकारी रुपये का भुगतान करने से पहले पूछताछ की जाती है, लेकिन 62 लाख रुपये की निकासी सरकारी खाते से की गयी, परंतु इस बारे में बैंक के अधिकारियों ने चेक से संबंधित कोई पूछताछ नहीं की है.
मजे की बात यह है कि 62 लाख रुपये की राशि की निकासी तीन दिनों तक होती रही और डुडा के अधिकारी भी चुपचाप बैठे रहे. जबकि सरकारी खाते से राशि की निकासी का मैसेज संबंधित अधिकारियों के मोबाइल पर जाता है लेकिन अधिकारियों ने इसकी अनदेखी कर दिया.
एक सप्ताह पहले बदला गया था हस्ताक्षर
डूडा के कार्यपालक अभियंता ने बैंक खाते में अपना हस्ताक्षर नौ सितंबर को बदल दिया था, लेकिन जांच में यह पाया गया है कि पुराने हस्ताक्षर से ही रुपयों की निकासी की गयी है और फर्जी चेक पर पुराने हस्ताक्षर से ही रुपये की निकासी की गयी है. जांच में यह बात भी सामने आयी कि 4 सितंबर को दो लाख 94 हजार का फर्जी चेक बैंक में जमा किया गया था, जिसके बाद हस्ताक्षर बदला गया.
चार सितंबर, 2017 को किसी व्यक्ति ने दो लाख 94 हजार का चेक पटना के राजा बाजार स्थित बैंक ऑफ इंडिया में डाला गया है, जिसकी जांच के लिए बैंक के अधिकारियों ने फोन कर चेक निर्गत करने की बारे में पूछा, जिस पर कार्यपालक अभियंता ने बताया कि किसी प्रकार का चेक निर्गत नहीं किया गया है, जिस पर बैंक ने चेक को रद्द कर दिया.
इसी के बाद कार्यपालक अभियंता ने 9 सितंबर को शहर के हथुआ मार्केट स्थित पीएनबी बैंक के खाते का हस्ताक्षर बदल दिया, फिर भी पुराने हस्ताक्षर से ही रुपये की फर्जी निकासी की गयी है. जांच में यह बात सामने आयी है कि इस जालसाजी में किसी बड़े संगठित गिरोह का हाथ है. इस बिंदु पर बैंक के अधिकारी जांच कर रहे हैं.
बैंक अधिकारियों ने 20 दिनों के अंदर राशि वापस करने का आश्वासन दिया है. बैंक ने भी शाखा प्रबंधक व प्रशिक्षु शाखा प्रबंधक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है.
श्यामा शरण तिवारी, कार्यपालक पदाधिकारी , जिला शहरी विकास अभिकरण
जिला शहरी विकास अभिकरण , छपरा

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