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बाढ़ का कहर जारी, डूबने से छह लोगों की मौत

छपरा (सदर) : जिले के विभिन्न प्रखंडों में बाढ़ के कारण पूर्णत: या आंशिक प्रभाव जनजीवन पर पड़ा है. जिले के पानापुर, मशरक, तरैया, परसा, मकेर एवं दरियापुर अंचल में 50 हजार परिवारों के बाढ़ से पीड़ित होने की आशंका के मद्देनजर विभिन्न स्तरों पर नकद अनुदान, खाद्यान्न अनुदान, राहत शिविरों में भोजन आपूर्ति, जनसंख्या […]

छपरा (सदर) : जिले के विभिन्न प्रखंडों में बाढ़ के कारण पूर्णत: या आंशिक प्रभाव जनजीवन पर पड़ा है. जिले के पानापुर, मशरक, तरैया, परसा, मकेर एवं दरियापुर अंचल में 50 हजार परिवारों के बाढ़ से पीड़ित होने की आशंका के मद्देनजर विभिन्न स्तरों पर नकद अनुदान, खाद्यान्न अनुदान, राहत शिविरों में भोजन आपूर्ति, जनसंख्या निष्क्रमण मद में 31 करोड़ 75 लाख रुपये की जरूरत है.
जिला पदाधिकारी ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव पत्र भेजकर अविलंब उपरोक्त राशि उपलब्ध कराने का आग्रह करते हुए लिखा है कि आपात स्थिति में बिना किसी व्यवधान के राहत/बचाव कार्य को त्वरित गति से संचालित किया जा सके. अबतक जिले में लगभग 30 हजार परिवार प्रभावित हो चुके हैं तथा बाढ़ का पानी अभी भी लगातार नये क्षेत्रों में फैल रहा है, जिसे लेकर जिला प्रशासन के वरीय से लेकर कनीय पदाधिकारी एवं कर्मी लगे हुए हैं. हालांकि जिला प्रशासन ने पूर्व में आपदा प्रबंधन विभाग को मिली राशि में से अबतक 86 लाख रुपये बाढ़ग्रस्त प्रखंडों एवं नजारत शाखा को उपलब्ध कराया है.
हालांकि एक ओर जिला प्रशासन के निर्देश पर विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को बाढ़ राहत कार्यों में प्रतिनियुक्त किया गया है. परंतु, जिला आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान लिपिक को गत 16 अगस्त से ही, जब से जिले में बाढ़ की शुरुआत हुई है. उसी दिन से उनकी प्रतिनियुक्ति जिला स्थापना शाखा में कर दी गयी है. अब सवाल उठता है कि जहां बाढ़ राहत एवं बचाव के लिए कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों को 24 घंटे या दो से तीन शिफ्ट में काम पर लगाया गया है.
वहीं जिस विभाग को बाढ़ की विभिषिका में लोगों की सहायता के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेवारी निभानी है, उसके प्रधान लिपिक की स्थापना शाखा में प्रतिनियुक्त करना निश्चित तौर पर आपदा प्रबंधन के प्रति उदासीनता को दर्शाता है. हालांकि इस संबंध में पूछे जाने पर जिला पदाधिकारी हरिहर प्रसाद ने कहा कि वे इस मामले की जांच कर आवश्यक निर्णय लेंगे.
स्कूबा सेट, छह रिंग, 20 ट्यूब उपलब्ध कराने का आग्रह : जिला प्रशासन ने रविवार को एनडीआरएफ की दो कंपनियों को जहां मशरक में तैनात कर दिया है, वहीं ज्यादा मशरक, पानापुर, तरैया में प्रशिक्षित गोताखोरों के द्वारा प्रतिदिन बचाव कार्य को प्रभावशाली रूप से चलाने के लिए जिला पदाधिकारी हरिहर प्रसाद ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को एक स्कूबा सेट, छह रिंग एवं 20 ट्यूब उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. रविवार को 10 अतिरिक्त प्रशिक्षित गोताखोरों को भी जिला प्रशासन ने मशरक, तरैया, पानापुर में भेजा है, जिससे बाढ़पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके.
वहीं डीएम के निर्देश पर मशरक के राजापट्टी, लखनौर आदि स्थानों पर पीएचइडी के द्वारा 12 अस्थायी शौचालय एवं छह चापाकल राहत शिविरों के आस-पास तैयार किये गये है जिससे राहत शिविर में रह रहे लोगों को सहूलियत हो.

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