छपरा (सदर) : आगामी छह अगस्त को नवगठित छपरा नगर निगम के लिए मतदान को लेकर चल रहे नामांकन के दौरान से लेकर मतगणना की समाप्ति तक सभी उम्मीदवारों व संबंधित पक्षों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए आयोग ने दो संयुक्त सचिव स्तर के पदाधिकारियों को प्रेक्षक के रूप में तैनात किया है. इन पदाधिकारियों में विनोद कुमार सिंह तथा राधाकांत झा शामिल हैं. जो क्रमश: शिक्षा विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग में पदास्थापित हैं.
दोनों पदाधिकारी छपरा पहुंच कर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम से मिल कर अपने दायित्वों के निर्वहन करेंगे. प्रेक्षकों को नगर निगम में खड़े होने वाले उम्मीदवारों के सभी गतिविधियों पर नजर रखनी है. जिससे सभी 45 वार्डों में किसी भी स्थिति में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो. उधर लाइजनिंग ऑफिसर की तैनाती के संबंध में भी जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम के स्तर से पत्र निकालने की तैयारी है. नवगठित छपरा नगर निगम के लिए 13 जुलाई तक नामांकन पत्र दाखिल करने की तिथि निर्धारित है.
सभी 45 वार्डों में चुनावी सरगर्मी चरम पर : नवगठित छपरा नगर निगम में वार्ड पार्षद के पद पर चुनाव जीतने के बाद महापौर तथा उप महापौर की कुरसी तक पहुंचने की उम्मीद आधा दर्जन पूर्व एमएलए, मुख्य पार्षद या अन्य बोर्डों के चेयर मैन रहे लोग अपना भाग्य आजमाने की तैयारी में हैं.
नगर निगम के महापौर तथा उप महापौर का पद अनारक्षित है. ऐसी स्थिति में मजबूत राजनीतिक हैसियत वाले महापौर एवं उप महापौर का पद पाने के लिए जिले के कई राजनीतिक परिवारों के सदस्य अपना भाग्य आजमाने की तैयारी में हैं. जिससे उन्हें पहली बार होने वाले नगर निगम चुनाव में विजयी होने के बाद महापौर की कुरसी तक पहुंचने का मौका मिले. विगत दो चुनावों में नगर पर्षद के तहत अति पिछड़ी जाति की महिलाओं के लिए जहां उप मुख्य पार्षद की सीट रिजर्व थी,
जिसकी वजह से पिछड़ी जाति से आने वाली गायत्री देवी, शोभा देवी को मुख्य पार्षद बनने का मौका मिला था. इसके पहले बिहार सरकार के पूर्व मंत्री उदित राय की बहू व पूर्व सांसद स्व. हीरालाल राय की बेटी नीलू कुमारी भी मुख्य पार्षद रह चुकी हैं. इस बार होने वाले चुनाव में 2.25 लाख से ज्यादा आबादी वाले इस छपरा शहर के महत्वपूर्ण पद पाने के लिए जिले के एक पूर्व विधायक के भी नामांकन करने की चर्चाएं हैं. हालांकि नामांकन में चार दिन शेष बचे हैं. उधर नामांकन के साथ-साथ विभिन्न वार्डों में अपना भाग्य आजमा रहे उम्मीदवारों की नींद उड़ गयी है. वे दिन रात अपने वार्ड के मतदाताओं के बीच जाकर अपने पक्ष में मतदान करने के लिए हर हथकंडे अपनाते देखे जा रहे हैं.