समस्तीपुर : जल्द ही सभी विद्युत डिवीजनों में करंट फाॅल्ट डिटेक्टर मशीन लगायी जायेगी. इससे चंद मिनटों में एक जगह बैठे ही पता चल जायेगा कि किस लाइन में कहां पर खराबी है़ इस मशीन के लग जाने से पोल टू पोल फॉल्ट ढूंढ़ने व उसमें लगने वाले समय की बरबादी नहीं होगी़ कंपनी आधुनीकरण की ओर बढ़ रहा है,
केंद्र सरकार प्रायोजित योजनाओं के सहयोग से मोबाइल टीआरडब्ल्यू का प्रचलन भी शुरू होगा़ साथ ही प्रत्येक डिविजन में जल्द ही ट्रक माउंटेन क्रेन की भी सुविधा दी जायेगी़ जानकारी के अनुसार, वर्तमान में बिजली लाइन से जितने भी चीनी मिट्टी के इंसुलेटर व डिस है उसे बदलकर पोलिवर इंसुलेटर लगाया जायेगा, इससे असमय पंक्चर होने की समस्या से निजात मिलेगा और बिजली समस्या नहीं होगी.
इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम से बदलेगी संचरण व्यवस्था : बिजली की बढ़ती खपत व 24 घंटे निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति के लिये कंपनी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है़ शहरी क्षेत्र में लगे ट्रांसफॉर्मरों के लोड की गणना की जा रही है़ लो वोल्टेज मिलने की शिकायत पर अमल किया जा रहा है़ एसडीओ शहरी मुकेश कुमार शर्मा ने बताया कि माह के अंत तक इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम के तहत ट्रांसफॉर्मर व जर्जर तार बदलने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी़ 200 व 315 केवी का ट्रांसफॉर्मर लगाया जायेगा़ वहीं कवर वायर भी लगाये जायेंगे.
तारों के जाल से मिलेगी निजात : इस योजना से लोगों को उम्मीद है कि अब उन्हें तारों के मकड़ जाल व जगह-जगह लगे खंभों से छुटकारा मिलेगा़ साथ ही बिजली की समस्या से भी निजात मिल सकेगी़
यह सिस्टम टेक्नोलाॅजी के कई कंपोनेंट्स को जोड़कर विकसित किया गया है़ इस स्कीम से बिजली चोरी पर भी रोक लगेगी़ साथ ही लोगों को सुचारू रूप से और बिना वोल्टेज फ्लुएशन वाली बिजली की सप्लाई मिलेगी़ इस योजना का उद्देश्य सब ट्रांसमिशन नेटवर्क, मीटरिंग, आइटी एप्लीकेशन, कस्टमर केयर सर्विस, सोलर पेनल्स के लिए इंतजाम करना और रिस्ट्रड एसेलेरेटेड पावर डेवलपमेंट एंड रिफर्म प्रोग्राम (आरएपीडीआरपी) के चल रहे कामों को पूरा करना है.