सिंघिया : प्रखंड में शुक्रवार की देर रात आंधी के साथ हुई ओलावृष्टि से फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है. किसानों की मेहनत बरबाद हो गयी है. किसान माथा पीट रहे हैं. सर्वाधिक क्षति गेहूं, मकई, मूंग एवं आम की फसलों को हुई है. बताया जाता है कि देर रात आंधी के साथ बारिश हुई. बारिश के दौरान जबरदस्त ओलावृष्टि भी हुई. आंधी के कारण खेतों में लगे गेहूं की फसल गिर गये, वहीं आम व लीची के मंजर भी झड़ गये. बारिश के कारण गेहूं की फसल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा है.
खेतों में पककर तैयार गेहूं की फसल को किसान काटने ही वाले थे कि आंधी व पानी के साथ ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया.
किसान रंजीत दास, राजेंद्र साहू, दोरिक पासवान, जगदीश साह, कामेश्वर साहू, साहू साहू समेत दर्जनों किसानों ने कहा कि सारी मेहनत बेकार चली गयी. ढेर सारे किसानों ने बैंक से कर्ज लेकर खेती कर रखी थी. इस बार की फसल भी बहुत अच्छी थी. दस पंद्रह दिनों में लोग गेहूं की फसल काटते उससे पहले ही आंधी, पानी के साथ हुई ओलावृष्टि ने छीन लिया.
किसानों को यह भी चिंता सता रही है कि बैंक का कर्ज कैसे लौटाया जायेगा. सालभर का भोजन भी अब नहीं हो पायेगा.
शिवाजीनगर प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड के दसौत गांव में शुक्रवार की देर रात आंधी व ओला गिरने से किसानों का फसल नष्ट हो गये. खेत सफेद दिख रहे थे. खपड़ैल मकान का खपड़ा चूर-चूर हो गया. मकई, गेंहू, दलहन सहित आम लीची के फूल व पत्ते टूट कर गिर गये. इधर, किसान बिंदु राय, सरोज राय, प्रमोद राय, धर्मेंद्र राय, दिनेश राय, नटवर राय, लक्ष्मीकांत राय ने बताया कि कर्ज लेकर हजारों रुपये लगाकर खेती किया था. पर सब बरबाद हो गया. पंचायत के किसान सलाहकार धर्मेंद्र कुमार धीरज ने बताया कि ओलावृष्टि से हुई क्षति का आकलन किया जा रहा है. इसकी सूचना बीइओ को दी गयी है. मुखिया कृष्ण कुमार राय ने किसानों की हुई क्षति का मुआवजा देने की मांग सरकार से की है.