समस्तीपुर : यीशु के आगमन को लेकर ईसाई समाज में खुशियां छाने लगी हैं. गिरिजाघरों के अलावा घरों में त्योहार को लेकर तैयारियां शुरू हो गयी हैं. कीर्तन व भजन मंडलियां यीशु जन्म से जुड़े गीत व संदेश गा रही हैं. यीशु का जन्म 24 दिसंबर को रात 11 : 30 बजे चर्च में होगा़ यीशु जन्म को लेकर चर्च में भी यीशु जन्म से जुड़े आयोजन होने लगे हैं.
समाज द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों में भी सांस्कृतिक आयोजन शुरू हो गये हैं. आराधना घर चर्च से जुड़े परिवारों में तो रोज कीर्तन-भजन मंडलियां समूह बनाकर गीत-संगीत के आयोजन कर रही है़ कीर्तन-भजन मंडलियां ईसाई परिवारों में जाकर यीशु जन्म से जुड़े भजन और गीत सुना रही हैं. मोहन पॉल बताते हैं कि क्रिसमस एक अनोखा पर्व है, जो ईश्वर के प्रेम, आनंद एवं उद्धार का संदेश देता है़ क्रिसमस का त्योहार अब केवल ईसाई धर्म के लोगों तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि देश के सभी समुदाय के लोग इसे पूरी श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाते हैं. क्रिसमस मानव जाति के उद्धार के लिए परमेश्वर के द्वारा की गयी पहल को दर्शाने वाला त्योहार भी है़ सांता बिना किसा भी स्वार्थ के सब के जीवन में खुशियां लेकर आता है़