समस्तीपुर : नाॅर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड द्वारा जिले के 22 पावर सब स्टेशन के माध्यम से विभिन्न फीडरों में आपूर्ति की जाने वाली बिजली का विभिन्न कारणों से नष्ट होने के कारण राजस्व पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. वहीं कंपनी इस घाटे को पूरा करने के लिए विभिन्न मदों के माध्यम से उपभोक्ताओं पर ही इसका भार थोपती है.
कंपनी द्वारा आपूर्ति की जाने वाली बिजली का 49.05 फीसदी बिजली तकनीकी एवं जर्जर संचरण व्यवस्था के कारण नष्ट हो रही है. कंपनी अपने स्तर से नष्ट हो रही बिजली को बचाने की कोशिश में जुटी हुई है. बावजूद अब तक मात्र इसमें 10 फीसदी ही सफलता मिल सकी है. बिजली कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2013 में 59.65 , 2014 में 57.03,2015 में 51.67 बिजली नष्ट हो रही थी. बिजली कंपनी से जुड़े कनीय विद्युत अभियंताओं की माने तो 33 केवीए एवं 11 केवीए फीडर में अभी भी जर्जर संचरण के कारण बिजली बड़े पैमाने पर नष्ट हो रही है.
बिजली आपूर्ति के लिये लगे 34 पावर ट्रांसफॉर्मर व 2808 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर में भी तकनीकी कमियों के कारण बिजली 18 फीसदी नष्ट हो रही है. अभियंताओं ने अवैध रूप से बिजली का उपयोग कर रहे लोगों के ऊपर कार्रवाई करने के प्रति उतनी सजग नहीं दिखी. जिले में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से बिजली का उपयोग किया जा रहा है.