समस्तीपुरः डीएम नवीन चंद्र झा के निर्देश पर किये गये निरीक्षण में सदर अस्पताल की व्यवस्था का पोल परत दर परत खुल गया. उपलब्ध सुविधाओं का लाभ हासिल करने के लिए भी मरीजों को काफी फजिहत झेलनी पड़ती है. वहीं स्वास्थ्य कर्मी को वरीय अधिकारियों का निर्देश महज कहने तक सिमट कर रही गयी है. निरीक्षण के दौरान मिली गड़बड़ी की रिपोर्ट डीएम व सीएस को सौंपी गयी है. डीएम के निर्देश पर डीसीएलआर शिव कुमार शैव के द्वारा सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया.
निरीक्षण में मिलीं खामियां
-शिशु वार्ड में कुल आठ रोगी था. किसी भी रोगी के पास न तो चादर था और न तो कंबल. बताया गया कि वार्ड इंचार्ज मंजू कुमारी दो दिनों से छुट्टी पर हैं. जिसके कारण मरीजों को कंबल नहीं मिला.
-प्रसूति एवं मातृत्व वार्ड में कुल दस रोगी था. यहां भी किसी के पास कंबल व चादर नहीं मिला. मरीजों ने बताया कि कंबल मिला था, लेकिन नर्स की ड्यूटी खत्म होने के बाद कंबल ले लिया गया.
-पुरुष वार्ड मेडिसीन में मात्र दो मरीज भरती थे. यहां भी कंबल व चादर नहीं मिला था. वहीं पुरुष वार्ड सर्जिकल में भी दो मरीज भरती थे. लेकिन किसी के पास कंबल व चादर उपलब्ध नहीं था.
-इमरजेंसी वार्ड में दो मरीज थे. चादर तो दोनों मरीज के पास था. जबकि कंबल एक ही मरीज के पास उपलब्ध था.
सभी मरीजों को देनी है सुविधा
सदर अस्पताल में भरती होने वाले सभी मरीजों को कंबल व चादर उपलब्ध कराया जाना है. लेकिन यहां पर यह व्यवस्था कर्मियों के इच्छानुसार आवंटित की जाती है. जब मन हुआ तो मिला, नहीं तो कोई सुनने वाला नहीं है. कर्मियों की भी अपनी परेशानी हैं. उनका कहना है कि शिफ्ट खत्म होने के बाद अन्य कर्मचारी चादर कंबल का प्रभार लेना नहीं चाहते हैं. इस परिस्थिति में अगर चादर व कंबल गायब होता है, जवाबदेही किस पर होगये. वहीं आवश्यकता के अनुसार कंबल व चादर भी उपलब्ध नहीं है. इसके कारण सभी मरीजों को यह सुविधा देना मुश्किल है.