समस्तीपुरः कर निर्धारण के मुद्दे को लेकर बिफरे नगर पार्षद शनिवार को आपा खो बैठे. नगर परिषद के प्रशासनिक भवन में सामान्य बैठक के दौरान कार्यपालक पदाधिकारी शशि भूषण प्रसाद ने जैसे ही इस मामले को राजनीतिक रंग न देने की सलाह दी हंगामा शुरू हो गया. बिफरे पार्षदों मनोज जायसवाल व अरुण प्रकाश ने मोर्चा थामते हुए इसे जनहित का मामला करार दिया.
कहा कि इन मुद्दों को जनप्रतिनिधि मुखर होकर उठाते रहेंगे. पार्षदों का कहना था कि कोर्ट के आदेश पर सरकार ने नये कर निर्धारण की प्रक्रिया पर रोक लगा रखी है तो टैक्स दारोगा इसे अमली जामा पहनाना कानून के विरुद्ध है. इतना ही कर निर्धारण की पूरी जानकारी नगरवासियों को नहीं है. बेवजह कर संग्रहकों को भेजकर लोगों को भयभीत कर रहे हैं. जिस पर इओ ने टैक्स दारोगा से जबाव मांगा. जैसे ही वे जबाव देने के लिए मुंह खोला कि पार्षदों ने उन पर आरोपों की झड़ी लगा दी. वहीं पार्षद आनंद भूषण, टेकनारायण महतो, मो. सिराज अंसारी आदि ने पूर्व की बैठकों का प्रगति प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के बाद ही अगली कार्रवाई शुरू करने पर अड़ गये.
वार्ड पार्षद अरुण प्रकाश ने गत 3 अक्टूबर आयोजित बैठक की जानकारी इओ से मांगते हुए आरोपों की झड़ी लगा दी. पार्षद ने कहा कि आरटीआई के तहत 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगने का मतलब है कि इओ किसी प्रकार की जानकारी व सूचना पार्षदों के बीच देने की चाहत नहीं रखते. इस बीच वार्ड पार्षद राजू शर्मा ने स्थायी समिति के गठन पर प्रश्न चिंह लगाते हुए कहा कि समिति के सदस्य होने का मतलब है कार्रवाई की जानकारी देना जो कि पार्षदों को अब तक अप्राप्त है. इस पर इओ ने नगर विकास के निर्देशों का हवाला देते हुए कार्य करने की बात कही.
दो पार्षदों ने उपसभापति सुजय कुमार से मुखातिब हुए तो तरह तरह मुद्दों पर मतभेद निखर कर सामने आने लगे. इस बीच महिला पार्षद मूक दर्शक बनी तमाशा देती रही. इस बीच पार्षद की ओर से सरकारी पत्र की छाया प्रति उपलब्ध नहीं कराने से बिफरे पार्षदों ने बैठक के दौरान ही मेज उलट दिया था. साथ ही कुर्सियां तोड़ डाली. जिससे सामने बैठी एक महिला पार्षद चोटिल हो गयी. जिसके बाद महिला पार्षद बैठक छोड़ कर निकल गयी. सभापति अर्चना देवी ने बैठक स्थगित करते हुए पार्षदों के व्यवहार पर क्षोभ जताया.