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खतुआहा गांव में लगा ट्रांसफाॅर्मर बन सकता है हादसे का सबब

खानपुर : प्रखंड क्षेत्र के खतुआहा गांव में मुख्य सड़क के किनारे लगा ट्रांसफार्मर खतरे की घंटी बजा रही है. सड़क से ट्रांसफार्मर की ऊंचाई इतना कम है की कोई भी उसे आसानी से छू सकता है. खासकर छोटे बच्चों को लेकर लोगों में दहशत रहती है. लोगों का बताना है कि इसी ट्रांसफार्मर से […]

खानपुर : प्रखंड क्षेत्र के खतुआहा गांव में मुख्य सड़क के किनारे लगा ट्रांसफार्मर खतरे की घंटी बजा रही है. सड़क से ट्रांसफार्मर की ऊंचाई इतना कम है की कोई भी उसे आसानी से छू सकता है.

खासकर छोटे बच्चों को लेकर लोगों में दहशत रहती है. लोगों का बताना है कि इसी ट्रांसफार्मर से गांव में बिजली की सप्लाई की जाती है.पहले बिजली नियमित नहीं रहने से इतना डर नहीं था. लेकिन अब बिजली के नियमित रहने से लोगों में डर समा गया है.सूत्रों की मानें तो कई बार ऐसा देखा गया है कि बच्चे इस ट्रांसफार्मर के इर्द-गिर्द खेलते नजर आते हैं.

अगर इस दौरान कोई भी बच्चे अगर कोई लकड़ी लेकर ट्रांसफार्मर को छू दे तो कुछ भी हो सकता है. बताया गया कि उक्त ट्रांसफार्मर काफी दिनों से है. जबकि इसी के बगल में बीपीएल का ट्रांसफार्मर भी नया लगाया गया है. जिसकी ऊंचाई सड़क से ज्यादा है. लेकिन पुराने ट्रांसफार्मर की ऊंचाई काफी नीचे है.

इधर गांव के मुखिया महालक्ष्मी देवी, जदयू नेता राम लोचन चौधरी, सुरेश झा, विवेक झा, देवेन्द्र झा, मणिकांत झा, राज कुमार झा, प्रदीप कुमार झा, दिलीप कुमार झा आदि ने बताया कि ट्रांसफार्मर की ऊंचाई और अधिक होने की जरुरत है. काफी व्यस्त सड़क रहने के कारण हमेशा लोगों का आवाजाही लगा रहता है.

विभाग को चाहिए की उक्त समस्या को देखते हुए ट्रांसफार्मर को बीपीएल के ट्रांसफार्मर के बराबर ऊंचाई कर दी जाय ताकि लोगों के बिच का डर समाप्त हो सके. वहीं ट्रांसफार्मर के निकट काफी पेड़ पौधे के होने के कारण आंधी तूफान में भी हमेशा डर रहता है कि कहीं पेड़ टूटकर ट्रांसफार्मर पर न गिर जाये.
रौशनी देने वाली योजना अंधेरे में, बढ़ गई परेशानी
ताजपुर ़ स्थानीय नीम चौक पर लगा हाई मास्ट लाईट लोगों को सालों से मुंह चिढ़ा रहा है. ताजपुर के मुख्य चौराहा नीम चौक पर वर्ष 2009 में सम्पन्न लोक सभा चुनाव में तत्कालीन सांसद आलोक कुमार मेहता के कोटे से लोगों की मांग पर हाइमास्ट लाइट लगाया गया था.
परन्तु चालू होने से पूर्व ही आचार संहिता लग जाने के कारण वह उस समय चालू नहीं हो पाया था. उक्त चुनाव में सांसद के हार जाने के कारण स्थानीय लोगों में खुशियां निराशा में बदल गयी. छह साल बीत जाने के बाद भी आज तक किसी भी जन प्रतिनिधि का ध्यान उक्त लाइट को चालू कराने की ओर नहीं गया. मांग है कि उक्त लाइट को चालू कराया जाय . अन्यथा अन्यत्र उखाड़ कर ले जाया जाय. ताजपुर विद्युत कार्यालय का कहना है कि आज तक उनके पास किसी भी प्रकार का आवेदन लाइट को चालू कराने के लिए नहीं दिया गया है.
पंचायत के मुखिया एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी उसे चालू कराने के लिए अगर आवेदन देते हैं ताे उसमें बिजली कनेक्शन कर चालू किया जा सकता है. अब देखना है कि उक्त चौक को रौशन करने वाली योजना कब तक अंधेरे मे भटकती है या फिर बीडीओ या मुखिया इसे रौशनी का मार्ग दिखाने का बीड़ा उठाते हैं.

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