मोहिउद्दीननगर/मोहनपुर : बेहतर शैक्षणिक माहौल में पली-बढ़ी तथा राजनीतिक परिवार से ताल्लुकात रखने वाली विधायक एज्या यादव मोहनपुर प्रखंड के जलालपुर गांव की बेटी हैं. उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद पटना के वीमेन्स कांलेज में व्याख्याता थी़ अंगरेजी विषय में पीएचडी की डिग्री प्राप्त हैं. इनके दो भाई शैशव यादव एवं शशांक चन्द्र क्रमश: […]
मोहिउद्दीननगर/मोहनपुर : बेहतर शैक्षणिक माहौल में पली-बढ़ी तथा राजनीतिक परिवार से ताल्लुकात रखने वाली विधायक एज्या यादव मोहनपुर प्रखंड के जलालपुर गांव की बेटी हैं. उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद पटना के वीमेन्स कांलेज में व्याख्याता थी़ अंगरेजी विषय में पीएचडी की डिग्री प्राप्त हैं.
इनके दो भाई शैशव यादव एवं शशांक चन्द्र क्रमश: डीएसपी एवं न्यायिक दंडाधिकारी हैं. पिता शशिधर प्रसाद यादव पटना हाईकोर्ट में वकील हैं. एज्या यादव का बचपन गांव में कम ही बीता किन्तु वह गांव से दूर नहीं हो पायी. गांव की मिट्टी और हवा उन्हें सुकून देती है़
क्षेत्र के लिए पांच प्राथमिकताएं
मेहिउद्दीननगर विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़कर चुनाव जीतने में सफल हुई राजद से विधायक बनने के बाद एज्या यादव ने क्षेत्र में पांच प्राथमिकताओं को चिह्नित करते हुए इसके निराकरण के लिए अपनी प्राथमिकताएं तय की़
पहली प्राथमिकता दियारांचल के कटाव पीड़ितों के लिए पुर्नवास की व्यवस्था
करीब चाऱ दशक पूर्व करीब चार हजार परिवारों के पांव तले की जमीन खिसक गयी थी़ गंगा के कटाव में सैकड़ो एकड़ कृषि एवं गृहभूमि पर नदी का आधिपत्य हो गया था़ चार पंचायतों की सूरत भौगोलिक नक्शे से विदा हो गयी थी़
खोई हुई जमीन का मुआवजा दिलाने एवं विस्थापितों के लिए नये आसरे की मांग के लिए उन दिनों आंदोलन करने वाले राणा गंगेश्वर प्रसाद सिंह भी विधायक बने़ लालू प्रसाद के शासनकाल के जलसंसाधन मंत्री जगदानन्द सिंह द्वारा जारी करोड़ों के कटाव निरोधक कार्य निरर्थक सिद्घ हुए़ यह राष्ट्रीय मुद्दा भले ही क्षेत्रीय बहस में सम्मिलित नहीं हुआ़
विस्थापितों के पुनर्वास के आश्वासन से सड़क किनारे एवं गंगा के तटबंधों पर शरण लिये हुए सैकड़ो परिवार नारकीय जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं. वैसे तो वर्ष 1970 से ही तत्कालीन पटोरी एवं मोहिउद्दीननगर प्रखंड की बड़ी आबादी गंगा नदी के कटाव से संत्रस्त होती रही है़
परंतु वर्ष 2000 के बाद दो-तीन वर्षों में कटाव ने जो खुराफात मचायी उसका खामियाजा लोग आज तक भुगत रहे हैं. यदि आश्वासन के अनुरूप यदि विधायक ने कार्य किया तो क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी़ अब राजद से नयी विधायक चुनी गयीं एज्या यादव ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए मातृभूमि का ऋण चुकाने का वादा किया है़
शपथ ग्रहण के बाद अपनी प्राथमिक योजनाओं में इसे खास तवज्जो देने की बात कही है़ उन्होंने कहा है कि विस्थापितों की सूची बनाकर उनकी आर्थिक स्थिति की समीक्षा करते हुए प्राथमिकता के आधार पर मुआवजे एवं गृहभूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी़ .