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जिले में खरीफ धान के आच्छादन के लिए लक्ष्य निर्धारित
समस्तीपुर : मॉनसून की सुस्त चाल के बीच निदेशालय ने जिले में खरीफ धान के आच्छादन के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया है. चालू वित्तीय वर्ष में समस्तीपुर जिले के 76 हजार हेक्टेयर भूमि में धान लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जिला कृषि कार्यालय की ओर […]
समस्तीपुर : मॉनसून की सुस्त चाल के बीच निदेशालय ने जिले में खरीफ धान के आच्छादन के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया है. चालू वित्तीय वर्ष में समस्तीपुर जिले के 76 हजार हेक्टेयर भूमि में धान लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जिला कृषि कार्यालय की ओर से ग्रास रुट पर कड़ी मेहनत की जा रही है लेकिन अरब सागर से निकलने के साथ सुस्त हुई मॉनसून की चाल के कारण तीखी चल रही सूरज की किरणों ने आच्छादन लक्ष्य हासिल करने में विभाग के पसीने छुड़ा रहा है. हालांकि विभागीय अधिकारियों का दावा है कि अन्य वर्षो की भांति ही इस बार भी धान आच्छादन के लक्ष्य को हर हाल में हासिल कर लिया जायेगा.
इसको लेकर किसानों को सैद्धांतिक और तकनीकी दोनों ही रूप से तैयार कर उनमें जोश भरने का काम जारी है. इसके साथ ही उन्नत किस्म के बीच और उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की दिशा में समय से पूर्व आवश्यक कदम उठाये जा चुके हैं. इसका फलाफल निश्चित रूप से अगले कुछ दिनों में देखने को मिल जायेगा. लेकिन इस वर्ष मॉनसून की सुस्ती ने उत्तर बिहार के इलाके में प्री-मॉनसूनी वर्षा नाम मात्र ही करायी है.
इसके कारण रबी फसलों के बाद खाली हुए खेतों में से अब तक धूल ही उड़ रही है. नतीजा किसानों के बिचड़े अब तक नहीं गिर पाये हैं. कुछ एक किसानों ने हिम्मत जुटा कर सिंचाई साधनों के सहारे बीज गिराया है. लेकिन जैसे जैसे समय बीत रहा है बीजस्थली से बिचड़े गायब हो रहे हैं.
इसके कारण उनके दिलों की धड़कनें तेज होती जा रही है. जबकि अधिकतर किसान धान का बिचड़ा गिराने के लिए मॉनसून की पहली बारिश का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में समय पर खरीफ धान की खेती संभव हो पायेगी ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है. यह विभाग को कृषि निदेशालय से मिले धान आच्छदन लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी चुनौती से कम नहीं है.
बीज वितरण को लेकर लग रहे शिविर
धान आच्छादन लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि विभाग की ओर से पहले तो प्रत्येक प्रखंड में बेहतर धान उत्पादन के लिए किसानों की कार्यशाला की गयी. इसमें विशेषज्ञ वैज्ञानिकों के माध्यम से किसानों को कम लागत और मेहनत में बेहतर धान उत्पादन के तरकीब बताये गये हैं.
इसके तुरंत बाद विभाग ने बिना देर किये ही सभी प्रखंडों में किसानों को अनुदानित दर पर धान के उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध कराने को लेकर शिविर लगाये.
यह क्रम फिलवक्त भी कई प्रखंडों में जारी है. हालांकि कई स्थानों पर इन शिविरों में किसानों की कम उपस्थिति ने विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. बावजूद विभाग लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कमर कस कर तैयार है.
सलाहकारों की हड़ताल का असर
खरीफ मौसम की सुगबुगाहट के साथ ही किसान सलाहकारों की शुरू हुई हड़ताल का असर कार्यशाला और शिविरों पर स्पष्ट देखने को मिल रहा है.
कई स्थानों पर कार्यशाला फ्लाप हो गये तो कहीं कहीं हड़ताली सलाहकारों ने इसमें पहुंच कर विरोध जताते हुए इसे भंडूल करने की चेष्टा की. इसी तरह बीज वितरण शिविर का हाल देखने को मिल रहा है. गत बुधवार को खानपुर में आयोजित शिविर में किसानों की उपस्थिति नगन्य ही रही. बताया जा रहा है कि किसानों को इस शिविर की जानकारी ही सही समय पर नहीं मिली. इसके कारण वे शिविर में नहीं पहुंच सके. बहरहाल इसका सीधा असर आने वाले दिनों में धान आच्छादन लक्ष्य पर पड़ना लाजमी है.
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