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बस नाम की रह गयी बीएसएनएल थ्री जी सेवा

निजी कंपनियों की सेवा के आगे बेकार हुई सरकारीसमस्तीपुर. बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) की इंटरनेट स्पीड भी अब सुस्त हो चली है. बीएसएनएल से कड़ी प्रतिस्पर्धा कर प्राइवेट कंपनियां बेहतर सुविधा मुहैया करा रही हैं. वहीं बीएसएनएल की हालत दिन-प्रतिदन खस्ता होती जा रही है. धीमी गति से नेट चलने के कारण उपभोक्ताओं को […]

निजी कंपनियों की सेवा के आगे बेकार हुई सरकारीसमस्तीपुर. बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) की इंटरनेट स्पीड भी अब सुस्त हो चली है. बीएसएनएल से कड़ी प्रतिस्पर्धा कर प्राइवेट कंपनियां बेहतर सुविधा मुहैया करा रही हैं. वहीं बीएसएनएल की हालत दिन-प्रतिदन खस्ता होती जा रही है. धीमी गति से नेट चलने के कारण उपभोक्ताओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उपभोक्ताओं का कहना है कि बीएसएनएल की थ्री जी सेवा बस नाम की रह गई है. वैसे तो बीएसएनएल द्वारा दी जा रही मोबाइल नेटवर्क की सुविधा उपभोक्ताओं को पहले से ही रुला रही है, लेकिन अब तो इंटरनेट स्पीड ने भी छकाना शुरू कर दिया है. राजेश, राहुल, विजय सिंह आदि उपभोक्ताओं का कहना है कि मोबाइल पर थ्रीजी सेवा बस कुछ समय के लिये दिख जाती है, अन्यथा ज्यादा समय नेट सर्विस गायब ही रहती है. नेटवर्क संकेत में जी (जनरल पाकेट रेडियो सर्विस) ही आता है जिसकी स्पीड बहुत कम होती है. सामान्यतया इसकी स्पीड 35 केबीपीएस से 115 केबीपीएस तक होती है. इसमें 115 केबीपीएस की स्पीड तभी मिलती है जब उपभोक्ता बीटीएस सेंटर से नजदीक होता है. थ्रीजी में स्पीड जीपीआरएस की अपेक्षा कुछ बेहतर मिलती है. इसमें उपभोक्ता को 256 केबीपीएस की स्पीड मिलती है. सबसे अच्छी स्पीड तभी मिलती है जब एच का सिग्नल मिलता है. एच यानि की हाई स्पीड. हाई स्पीड (3.5 जी) में उपभोक्ताओं को सर्वाधिक 384 केबीपीएस से 2 एमबीपीएस तक मिलती है. लेकिन उपभोक्ताओं को यह स्पीड 24 घंटे में एक घंटे भी नहीं मिल पा रही है.

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