समस्तीपुरः विद्युत विभाग को 2. 40 करोड़ का प्रति वर्ष राजस्व देने वाले समस्तीपुर विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल के उपभोक्ता बीते दो महीने से हलकान हैं.इसका कारण लो वोल्टेज बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार उपभोक्ताओं के तार में भरपूर वोल्टेज दौराने में विभाग असफल साबित हो रहा है. भरपूर वोल्टेज नहीं रहने से घर में उपयोग की जाने वाली विभिन्न मशीनें बेकार साबित हो रही हैं.
क्या है लो वोल्टेज का मामला
विभागीय सूत्र बताते हैं कि 33 हजार केवी तार में वोल्टेज की फ्रीक्वेंसी ठीक नहीं है. इन तारों में आपूर्ति की जा रही बिजली की वोल्टेज क्षमता 33 हजार के बदले 29 हजार से 31 हजार वोल्ट के बीच ही रहती है. फलस्वरूप सब स्टेशन से आपूर्ति किए जाने वाले ट्रांसफॉर्मर तक 11 हजार वोल्ट के बदले 9 हजार से 10 हजार वोल्ट ही पहुंच पाता है.
फलस्वरूप ट्रांसफॉर्मर से घर तक पहुंचने वाली बिजली 220 वोल्ट से कम होकर 100 से 150 वोल्ट तक ही पहुंचती है. कभी-कभी तो यह 90 वोल्ट से भी कम हो जाती है. फलस्वरूप घर में लगे उपकरण बिजली रहने के बावजूद व्यवस्था को मुंह चिढ़ाते बंद पड़े रहते हैं.
लोगों की बढ़ी परेशानी
इस तकनीकी गड़बड़ी के कारण आम उपभोक्ता परेशान हैं. यह वही आम उपभोक्ता हैं जिनसे विभाग करोड़ों की राजस्व वसूली गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति के दावा के एवज में करती है. समस्तीपुर विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल के अधीन कुल 18 हजार उपभोक्ता हैं. बीते माह में सब डिवीजन में 20 लाख के राजस्व की उगाही विभाग ने की. इतनी राजस्व वसूली के बावजूद उपभोक्ता को कभी लो वोल्टेज से तो कभी ब्रेक डाउन तो कभी शट डाउन की समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जूनियर इंजीनियर ललित कुमार ने लो वोल्टेज की समस्या का कारण आपूर्ति में ही लो वोल्टेज आना स्वीकार किया. श्री कुमार ने कहा कि ब्रेक डाउन तथा शट डाउन में विभाग त्वरित आपूर्ति देने का हरसंभव प्रयास करता है.