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27 इंटर कॉलेजों का रजिस्ट्रेशन रद्द, 11 हजार छात्र मुश्किल में

जिले के 27 कॉलेजों की संबद्धता की अवधि हो चुकी थी खत्म लेकिन संचालन था जारी बोर्ड ने सूची जारी कर मांगा संबद्धता से संबंधित साक्ष्य समस्तीपुर : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जिले के 27 इंटर कॉलेजों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. जिसकी वजह से इन कॉलेजों में अध्ययनरत करीब 11 हजार से […]

जिले के 27 कॉलेजों की संबद्धता की अवधि हो चुकी थी खत्म लेकिन संचालन था जारी

बोर्ड ने सूची जारी कर मांगा संबद्धता से संबंधित साक्ष्य
समस्तीपुर : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जिले के 27 इंटर कॉलेजों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. जिसकी वजह से इन कॉलेजों में अध्ययनरत करीब 11 हजार से अधिक छात्रों का भविष्य दांव पर लग चुका है. हालांकि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने रजिस्ट्रेशन को रिन्यूअल कराने के लिए 15 दिनों की मोहलत शिक्षण संस्थानों को दी है.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निदेशक ने जारी आदेश में कहा है कि कॉलेज स्थापना एवं विद्यालय स्थापना शाखा द्वारा संबद्धता प्राप्त सभी माध्यमिक,उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालयों, उच्च माध्यमिक विद्यालयों एवं महाविद्यालयों की संधारित संस्थाओं एवं अभिलेखों के समीक्षा उपरांत यह पाया गया है कि जिले के 27 इंटर कॉलेज की संबद्धता अवधि समाप्त हो चुकी है. इंटर कॉलेजों की सूची समिति की वेबसाइट पर जारी की गई है. इन कॉलेजों को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पन्द्रह दिनों की मोहलत दी है. कॉलेज प्रशासन को विभागीय वेबसाइट पर मांगी गई जानकारी यथाशीघ्र अपलोड करने के लिए निर्देशित किया गया हैं.
निबंधित डाक से भी भेजना होगा साक्ष्य
समिति ने वैसे सभी शिक्षण संस्थानों जिनका नाम समिति के वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है. कालेज प्रबंधन को सूचित करते हुए कहा है कि अगर वे संबद्धता संबंधी कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहते हैं तो पन्द्रह दिनों के अंदर अपना आवेदन सभी साक्ष्यों और प्रस्वीकृति आदेश संबद्धता विस्तार संबंधी पत्र की स्व अभिप्रमाणित प्रति समिति के वेबसाइट पर भेजेंगे. इसके अलावे उसकी हस्ताक्षरित प्रति निबंधित डाक के माध्यम से समिति को भेजना सुनिश्चित करेंगे. बिना साक्ष्य के प्राप्त शिक्षण संस्थानों के आवेदनों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा. समिति नियम अनुसार आगे की कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगी.
बोर्ड का यह कदम किसी भी प्रकार से समुचित और न्यायपूर्ण नहीं माना जा सकता : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के युवा नेता सिद्धार्थ शंकर ने बताया कि अध्यक्ष सह विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय ने समिति के निर्णय पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है जिसमें विज्ञापन प्रकाशित कर राज्य के लगभग 600 महाविद्यालयों को असंबद्ध कह दिया गया है. समिति का यह निर्णय छात्र विरोधी है. इस पर रोक लगाने की मांग की गयी है. उन्होंने कहा कि बोर्ड ने नामांकन की प्रक्रिया शुरू करने के पूर्व इस बात को क्यों नहीं सुनिश्चित किया कि महाविद्यालयों की मान्यता की अवधि का विस्तार नहीं है. छात्रों के पंजीयन और फार्म भरने के समय भी बोर्ड का ध्यान इस ओर क्यों नहीं गया.
अचानक बोर्ड के अध्यक्ष को सपने में यह बात क्यों सूझ गयी कि मान्यता का विस्तार 2018 तक ही है. इधर दरभंगा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के भावी प्रत्याशी सह संघ के संयुक्त सचिव डा. सुरेश प्रसाद राय ने भी कहा है कि बोर्ड का यह कदम किसी भी प्रकार से समुचित और न्यायपूर्ण नहीं माना जा सकता है. बोर्ड आदेश को तत्काल वापस ले अन्यथा इस तुगलकी आदेश की वापसी के लिए किसी भी हद तक जाने को विवश होंगे.

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