सिस्टम विकसित करने की चल रही है तैयारी
पटना : सरकार की नजर मेडिकल कॉलेज में इलाज करने वाले डॉक्टरों पर है. इससे काम करने वाले डॉक्टरों की आसानी से पहचान हो जायेगी.
स्वास्थ्य विभाग सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के ओपीडी में इलाज करने वाले डॉक्टरों द्वारा देखे गये मरीजों की संख्या पर नजर रखने की तैयारी शुरू कर दी है. एक ऐसा सिस्टम विकसित करने की तैयारी है जिससे यह पता चल सकेगा कि मेडिकल कॉलेज में किस डॉक्टर की ड्यूटी है. साथ ही किस चिकित्सक द्वारा कितने रोगी को अब तक देखा गया है. राज्य स्वास्थ्य समिति में संजीवनी सिस्टम पर इस तरह के उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण किया जायेगा.
मुख्य सचिव दीपक कुमार के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की है. पहले चरण में इस बात का निर्णय लिया गया कि स्वास्थ्य विभाग सेवा सिद्धांत तैयार करेगा.
इससे मरीजों के इलाज के लिए दी जाने वाली सेवाओं को सरल बनाया जा सकेगा. बैठक में यह भी तय हुआ कि सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य में हेल्प डेस्क बनाया जाना है. हेल्प डेस्क को लागू करने के लिए स्वास्थ्य प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देकर तैनात किया जाये. विभाग द्वारा यह भी तय किया गया कि सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं का डिस्प्ले किया जायेगा. किस अस्पताल में किस तरह की सुविधा दी जा रही है.
अस्पताल में नियुक्त सभी डाॅक्टरों के नाम और उनकी विशिष्टता के साथ उनकी तस्वीर व मोबाइल नंबर भी डिस्प्ले किये जाने पर सहमति बनी है. एपीएचसी में एएनएम की तस्वीर व मोबाइल नंबर अंकित करने का भी फैसला किया गया है. तैयार की जाने वाली हेल्प डेस्क को 24 घंटे के लिए कार्यरत बनाया जाना है. प्रधान सचिव ने ऑनलाइन पद्धति द्वारा विभागीय वेबसाइट को इस तरह से विकसित करने का निर्देश दिया है, जिससे ऑनलाइन सिस्टम से ही ओपीडी में समय लिया जा सके.