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गोलबंद खिलाड़ियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

समस्तीपुर : आखिर कैसे खेलेगा इंडिया, जब खिलाड़ियों को उसके खेलने से रोक दिया जाये. जी हां रविवार को इसी तरह का मामला शहर के लाल कोठी परिसर स्थित बास्केटबॉल कोर्ट में सामने आया है, जहां फिटनेस क्लब के प्रबंधकों ने आदेश जारी कर शहर के विभिन्न स्कूलों के बास्केटबॉल युवा महिला व पुरुष खिलाड़ियों […]

समस्तीपुर : आखिर कैसे खेलेगा इंडिया, जब खिलाड़ियों को उसके खेलने से रोक दिया जाये. जी हां रविवार को इसी तरह का मामला शहर के लाल कोठी परिसर स्थित बास्केटबॉल कोर्ट में सामने आया है, जहां फिटनेस क्लब के प्रबंधकों ने आदेश जारी कर शहर के विभिन्न स्कूलों के बास्केटबॉल युवा महिला व पुरुष खिलाड़ियों को उनके निरंतर चल रहे अभ्यास से रोक दिया गया.
क्योंकि अब उस कोर्ट पर अभ्यास करने के लिए पहले खिलाड़ी को उसका मेंबर बनना पड़ेगा. इसके लिए 25 हजार रुपये खर्च करने होंगे. इससे निराश खिलाड़ियों ने पटेल मैदान में गोलबंद होकर प्रबंधकों व व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोलने लगे. खिलाड़ी शैली कुमारी का कहना था कि आखिर यह कैसी व्यवस्था है, जहां सरकार लड़कियों को मुफ्त शिक्षा, मुफ्त यात्रा, खेलने के लिए पारितोषिक की घोषणा करती रहती है. ऐसे खिलाड़ी जो हमेशा संसाधन नहीं रहने के बावजूद बास्केटबॉल जैसे खेलों में जिला व राज्य स्तर पर अपने शहर का नाम रौशन करते आ रहे हैं, उन्हें उसके ही शहर में सिर्फ मेंबर बनने का हवाला देकर अभ्यास करने से रोक दिया जाये. यह कैसा मेंबरशिप है जहां खेलने के लिए खिलाड़ी को 25 हजार रुपये देने होंगे. खिलाड़ी माही व प्रिया कुमारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी लोग तुगलकी फरमान जारी कर खिलाड़ी को उसके खेल से वंचित करता हों वे जल्द-से-जल्द वापस लें. अन्यथा उसके खिलाफ हम जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री तक पत्राचार के माध्यम से कठोर कार्रवाई की मांग करेंगे. जब डीएम प्रणव कुमार पदस्थापित थे तब तक तो यहां हम लोगों को खेलने से नहीं रोका गया. उनका स्थानांतरण होते ही आज यह फरमान किसके आदेश से जारी हुआ.
एसडीओ निवास हुआ करता था लाल कोठी
डीएसए के कोषाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने बताया कि लाल कोठी का नाम खुदीराम बोस जिम्नाजियम एवं वाचनालय है. यह भवन पूर्व में एसडीओ निवास हुआ करता था. जर्जर भवन होने के बाद पूर्व जिला पदाधिकारी नंदेश्वर लाल के द्वारा इसका जीर्णोद्धार करते हुए, इसकी देखरेख व प्रशासन जिला क्रीड़ा संघ को स्थानांतरित कर दिया गया. जिला क्रीड़ा संघ की ओर से ही लाल कोठी में जिम की सारी सामग्री, पूर्व में टेनिस कोर्ट वर्तमान में बास्केटबॉल स्विमिंग पूल बनवाया गया. इसके बनवाने में डीसीए की राशि भी खर्च हुई. साथ ही यहां पर कैरम बोर्ड, शतरंज आदि खेलों की व्यवस्था भी की गयी, ताकि जिले के विभिन्न खेल संघों के पंजीकृत खिलाड़ी महज 100 रुपये मासिक देकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सके. लेकिन, यह फिटनेस क्लब के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है. यह कब बना और किसके लिए बना, यह कौन लोग हैं जो खिलाड़ियों को खेलने से रोक रहे हैं और किसके अधिकार से, यह बिल्कुल निंदनीय है. ऐसे क्लब व प्रबंधकों के खिलाफ प्रशासन से कार्रवाई की मांग करेंगे, ताकि भविष्य में दोबारा कोई ऐसी घटना न हो.

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