समस्तीपुर : पटना हाइकोर्ट ने समान काम, समान वेतन पर नियोजित शिक्षकों के लिए अपना फैसला दे दिया है. इस फैसले ने साफ तौर पर दिखा दिया है कि सरकार अपने कर्मचारियों के साथ दोहरा रवैया अख्तियार कर रही है. पटना हाइकोर्ट के फैसले के आलोक में सरकार सभी जगहों पर समान काम व समान वेतन का निर्णय लागू करें.
इससे कर्मचारियों का शोषण बंद हो. यह बातें अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के सहायक महामंत्री मंजुल कुमार दास ने बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला कंवेंशन का उद्घाटन करते हुए कहीं. संघ स्थल पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक यह निर्णय अमलीजामा नहीं पहन लेता है, तब तक संघ संघर्ष जारी रखेगा. इसके लिए सभी कर्मचारियों को एकजुटता होना होगा.
वहीं सभा की अध्यक्षता करते हुए लक्ष्मीकांत झा ने कहा कि संविदा आधारित कर्मियों के सेवा का नियमितीकरण सरकार करें. नियमितीकरण होने तक कम-से-कम हर संविदाकर्मियों को न्यूनतम 18 हजार रुपये की मासिक राशि का भुगतान किया जाये. वहीं एनपीएस जो केंद्र ने एक अप्रैल 2004 और बिहार में एक सितंबर 2005 से लागू किया है
उसे समाप्त कर पुरानी पेंशन नीति को फिर से शुरू किया जाये.
आगामी नौ से 11 नवंबर तक दिल्ली में संसद के सामने आयोजित मजदूरों के महापड़ाव कार्यक्रम में अधिक-से-अधिक लोगों के भाग लेने की अपील की गयी. इससे पहले शहीद वेदी पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. मौके पर महामंत्री शशिकांत राय, पूर्व महामंत्री राजकिशोर राय, संयुक्त मंत्री बिंदु कुमारी, राम कुमार झा, संजीव ठाकुर, श्यामाकांत झा, रामसेवक महतो आदि ने सभा को संबोधित किया. इसमें बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने भाग लिया.