मौसम विभाग द्वारा जारी वर्षा की संभावना का नहीं दिख रहा असर सहरसा . पिछले 17 जून को ही जिले में मॉनसून का प्रवेश हुआ. लेकिन इस बीच जिले में 50 एमएम भी वर्षा नहीं हुई. लेकिन धूप छांव का खेल जारी है. जिससे लोगों को तेज गर्मी से थोड़ी निजात अवश्य मिली. लेकिन किसानों की आस पूरी नहीं हुई. किसानों को धान के बिचड़े गिराने लायक वर्षा का आज भी इंतजार है. कुछ सक्षम किसान खेत पटवन कर अब धान के बीज खेतों में डालना शुरू कर दिया है. जबकि अधिकांश किसान अब भी आकाश की ओर टकटकी लगाए हैं. जिले में काले बाद छाते जरूर हैं. लेकिन बिन वर्षा के लौट जा रहे हैं. जबकि मौसम विभाग अगले चार दिनों तक मध्यम से तेज वर्षा की संभावना जताई है. गुरुवार के सुबह से धूप छांव का खेल जारी रहा. लेकिन दोपहर होते तेज धूप ने लोगों को बैचेन कर दिया. तापमान में वृद्धि से लोग खासे परेशान रहे. जबकि बुधवार को जिले के कुछ भागों में थोड़ी वर्षा अवश्य हुई. लेकिन पूर्वी भाग यू ही सूखा रहा. आज भी किसान मॉनसून की झमाझम वर्षा का इंतजार कर रहे हैं. बूंदा बांदी होकर आसमान से बादल छट जा रहे हैं. जबकि किसान वर्षा की बाट जोह रहे हैं. जिले का मुख्य फसल धान की खेती ही है. जिले में लगभग 76 हजार हेक्टेयर में इस वर्ष धान की फसल का लक्ष्य निर्धारित है. पूर्व में जहां जून माह में ही जिले में 25 प्रतिशत से अधिक धान की रोपनी हो जाया करती थी. लेकिन इस वर्ष इसकी शुरुआत तक नहीं अगवानपुर कृषि विज्ञान केंंद्र के मौसम विभाग के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि गले चार दिन हल्की से तेज वर्षा की पूरी संभावना है. इस दौरान तापमान में गिरावट होगी. हुई है. ऐसे में धान की रोपनी में विलंब सुनिश्चित है. एक 50 एमएम भी नहीं हुई है वर्षा समय से थोडे विलंब से मॉनसून आने के बावजूद भी जिले में मॉनसून की वर्षा का घोर अभाव है. किसान धान रोपनी के लिए मॉनसून की वर्षा का इंतजार रहे हैं. लेकिन वर्षा दगा दे रही है. इस बाबत पूछे जाने पर अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विभाग के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि हवा में नमी की मात्रा कम रहने के कारण वर्षा नहीं हो पा रही है. अगले दो से तीन दिनों में हवा में नमी रहने की संभावना है. जिससे वर्षा संभव हो सकेगा. उन्होंने बताया कि जून महीने में अब तक एक सौ एमएम वर्षा भी नहीं हुई है. जबकि पिछले वर्ष इस समय तक 227 एमएम वर्षा हुई थी. उन्होंने कहा कि आगामी कुछ दिनों में वर्षा की संभावना है. किसान धान रोपने के लिए थोड़ा इंतजार करें. भीषण गर्मी में बिजली दे रही दगा इस भीषण गर्मी में बिजली विभाग का खेल भी बदस्तूर जारी है. जिससे भी धान रोपनी पर असर पड रहा है. सरकार की योजना हर खेत में बिजली के पंपसेट से पानी भी कोसी क्षेत्र में आधा अधूरा ही सफल हो पाया है. जिन खेतों के निकट यह सुविधा है भी तो बिजली कटौती से लाभ नहीं मिल पाता है. दिन में घंटों बिजली गुल रहती है. जिससे रोपनी कार्य प्रभावित हो रहा है. खेती के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराने की जरूरत है. जिससे किसानों को लाभ मिल सकता है. लेकिन दिन में ही लगातार घंटों बिजली कटौती की जा रही है. जिससे किसानों को धान रोपनी में परेशानियों का सामना करना पड रहा है. दिन तो दिन रात में भी घंटों बिजली गायब रहने से लोग रतजग्गा करने पर भी विवश हैं. सरकार के 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का वादा नकारा साबित हो रहा है. बढ़ती गर्मी व उमस से हो रही परेशानी मौसम विभाग द्वारा पिछले लगभग 10 दिनों से मॉनसून की झमाझम वर्षा की संभावना व्यक्त की जा रही है. कभी आसमान में बादल छा रहे हैं तो कभी तेज धूप व उमस से लोग परेशान दिख रहे हैं. मौसम विभाग बुधवार एवं गुरुवार को झमाझम वर्षा की संभावना व्यक्त की थी. इस बीच तेज धूप व उमस से जनजीवन प्रभावित हो रहा है. किसानों से लेकर शहरवासी भी इस तेज धूप व उमस से बचने के लिए वर्षा का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन लोगों को तेज गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही है. दिनों दिन हालात बदतर हो रही है. गुरुवार को तापमान में वृद्धि रही. गुरुवार को तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहा.
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