ओवरब्रिज व ड्रेनेज सिस्टम का इसी माह होना है टेंडर, मई से काम शुरू होने की है योजना
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महीना बीतने को है, अब तक नहीं हुआ टेंडर
ओवरब्रिज व ड्रेनेज सिस्टम का इसी माह होना है टेंडर, मई से काम शुरू होने की है योजना सहरसा : बहुप्रतीक्षित ओवरब्रिज व अत्यंत आवश्यक ड्रेनेज सिस्टम का टेंडर अप्रैल महीने में ही निकलना है. उसके बाद दोनों ही योजना पर मई महीने से काम शुरू होना प्रस्तावित है. लेकिन अप्रैल माह के 20 दिन […]
सहरसा : बहुप्रतीक्षित ओवरब्रिज व अत्यंत आवश्यक ड्रेनेज सिस्टम का टेंडर अप्रैल महीने में ही निकलना है. उसके बाद दोनों ही योजना पर मई महीने से काम शुरू होना प्रस्तावित है. लेकिन अप्रैल माह के 20 दिन गुजर जाने के बाद भी दोनों में से किसी योजना का टेंडर नहीं निकला गया है. एक बार फिर लोगों के मन में आशंका के बादल घुमड़ने लगे हैं.
78.66 करोड़ से बनना है ओवरब्रिज: केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं उच्च मार्ग विभाग ने बिहार सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग को बीते जनवरी माह में बंगाली बाजार में रेल क्रॉसिंग 31 ए आरओबी निर्माण की स्वीकृति दे दी थी. स्वीकृति पत्र में केंद्र सरकार ने इसकी लागत 78.66 करोड़ रुपये और निर्माण पूरा होने का वर्ष 2019 निर्धारित किया था. हालांकि इस ओवरब्रिज का निर्माण बीते वित्तीय वर्ष 2016-17 में ही शुरू होना था. जिसमें 15 करोड़ 60 लाख रुपये की राशि से 20 फीसदी काम पूरा होने की बात कही गई थी.
जो नहीं हो सका. 2017-18 में 39 करोड़ दो लाख 47 हजार 645 रुपये से 75 फीसदी एवं 2018-19 में 78 करोड़ चार लाख 95 हजार 291 रुपये से शत प्रतिशत काम पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में आंशिक बजट बढ़ता जायेगा व 2022-23 में अंतिम रूप से 78 करोड़ 66 लाख 26 हजार 920 रुपये से आरओबी का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाना निर्धारित है.
इधर सर्वे का काम पूरा होने के बाद बीते 25 मार्च को कोलकाता की कंपनी सीइटी प्राइवेट लिमिटेड ने मिट्टी जांच की प्रक्रिया भी पूरी कर ली थी. रेलवे के अधिकारी ने कहा था कि अप्रैल महीने में टेंडर निकलने के बाद मई महीने से निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा. लेकिन महीने के 20 दिन बीतने के बाद भी इस दिशा में आगे का कोई काम नहीं हो रहा है.
54 करोड़ रुपये से बनना है ड्रेनेज सिस्टम
जलनिकासी की समस्या के स्थायी निदान के लिए संपूर्ण शहरी क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम बनना है. डीएम बिनोद सिंह गुंजियाल की पहल पर बीते महीने ही बिहार सरकार ने इसकी स्वीकृति दे दी है. बिहार अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बुडको) के अभियंता व अधिकारियों ने शहर में बनने वाले नालों के लिए सर्वे का काम भी पूरा कर लिया है. पानी निकासी के लिए सभी आवश्यक स्थानों पर बड़ा नाला व पंप हाउस के स्थान भी निर्धारित किये जा चुके हैं. सरकार की कैबिनेट ने ड्रेनेज सिस्टम के लिए नगर परिषद को 54 करोड़ की राशि भी स्वीकृत कर दी है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दिनेश राम ने कहा था
कि अप्रैल महीने में टेंडर की प्रक्रिया समाप्त हाेने के बाद मई से इस दिशा में काम शुरू हो जायेगा. लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद अब तक इस योजना का भी टेंडर नहीं निकाला गया है. लिहाजा आसमान में काले बादल के छाते ही लोगों की धड़कनें बढ़ जाती हैं. वे बेमौसम बाढ़ जैसी स्थिति की कल्पना कर घबड़ा जाते हैं. हालांकि नप पदाधिकारी ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया में है. इसी माह निकल जायेगा.
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