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मेडिकल ऑक्सीजन के मूल्य में हुई गिरावट

मेडिकल व इंड्रस्ट्रीयल ऑक्सीजन में है फर्क सिलिंडरांें पर अंकित होने लगा प्यूरिटी सहरसा : शहर के विभिन्न मेडिकल संस्थानों में व्यवहार होने वाले ऑक्सीजन गैस सिलिंडरों पर छपी खबर अस्पतालों में बिना जांच धड़ल्ले से चढ़ाया जाता है ऑक्सीजन, के बाद से जागरूकता में इजाफा हुआ है और नर्सिंग होमों में इन ऑक्सीजन सिलिंडरों […]

मेडिकल व इंड्रस्ट्रीयल ऑक्सीजन में है फर्क

सिलिंडरांें पर अंकित होने लगा प्यूरिटी
सहरसा : शहर के विभिन्न मेडिकल संस्थानों में व्यवहार होने वाले ऑक्सीजन गैस सिलिंडरों पर छपी खबर अस्पतालों में बिना जांच धड़ल्ले से चढ़ाया जाता है ऑक्सीजन, के बाद से जागरूकता में इजाफा हुआ है और नर्सिंग होमों में इन ऑक्सीजन सिलिंडरों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किये गये. साथ ही कंपनी के सप्लाइ की प्यूरिटी से संबंधित कागजात की मांग की गयी. पहले यह व्यापार बेरोकटोक से चल रहा था और शुद्ध ऑक्सीजन के बीच इंठ्रस्ट्रियल ऑक्सीजन का व्यवहार भी हो जाने पर कोई जांच नहीं हो पाती थी.
जानकार डॉक्टर कहते हैं कि इंड्रस्ट्रियल ऑक्सीजन में प्यूरिटी की मात्रा कम होती है, लेकिन इससे मौत नहीं होती, अलबत्ता स्वास्थ्य में सुधार की गति धीमी पड़ जाती है. वैसे विज्ञान कहता है कि इमप्योर ऑक्सीजन रक्त कणिकाओं में मिलने के बाद फेफड़ा को क्षतिग्रस्त करता है.
ऑक्सीजन सिलिंडरों के ऊपर सफेद पट्टी पर उसकी शुद्धता और कंपनी का नाम व सिरियल नंबर लिखा जाना अनिवार्य है, लेकिन बड़े पैमाने पर इसकी अनदेखी हो रही है. स्थानीय ऑक्सीजन डीलर ने आइनोक्स एअर प्रोडक्स का सर्टिफिकेट दिखाते हुए कहा कि 99.5 प्रतिशत की शुद्धता पर हम सप्लाइ करते हैं. शहर में कई डीलर हैं जो इस व्यवसाय से जुड़े हैं. वे भी अब कंपनियों से प्यूरिटी सार्टिफिकेट लाने की बात कर रहे हैं.
नर्सिंग के संचालक हुए सजग
वर्तमान में शहर के अधिकतर डीलरों के द्वारा सप्लाइ की जाने वाली ऑक्सीजन सिलिंडर पूर्णत: मानकों के अनुरूप दिखाई नहीं पड़ते, न ही उन पर शुद्धता अंकित है. इस संबंध में अब सभी प्राइवेट नर्सिंग होम सजग हैं. स्थानीय सूर्या नर्सिंग होम में ऑक्सीजन का कर्न्वटर लगाया गया है, जो वातावरण से शुद्ध ऑक्सीजन शोषित करता है. इसमें प्यूरिटी की मात्रा मानकों के अनुरूप होती है. अन्य जगहों पर ऑक्सीजन सिलिंडरों के ऊपर निर्भरता बनी है. अब सप्लायरों के कागजात की जांच कर मरीजों को शुद्ध ऑक्सीजन कम लागत पर देने की कवायद हो रही है. ऑक्सीजन सिलिंडरों के दाम 400 रुपये तक सीमित हो गये हैं, जबकि इंड्रस्ट्रियल ऑक्सीजन सिलिंडरों की कीमत सात क्यूमीटर का 300 से 350 तक है. पहले मेडिकल ऑक्सीजन सिलिंडरों के दाम मनमाने तरीके से 600 से 700 सौ रुपये तक लिये जा रहे थे.
यह विश्वास के ऊपर निर्भर व्यवसाय है. अब इसकी शुद्धता संबंधित कागजात देख कर ही सप्लाई लिया जाता है.
डॉ रंजेश कुमार
शुद्धता के मापक अवश्य होने चाहिए, इसकी प्रमाणिकता के साथ ही व्यापार किया जाना चाहिए. शुद्ध ऑक्सीजन का ही व्यवहार होना चाहिए.
डॉ विजेंद्र देव
अशुद्ध ऑक्सीजन से फेफड़ा क्षतिग्रस्त होता है. साथ ही स्वास्थ्य सुधार में फर्क पड़ता है.
डॉ विजय शंकर

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