27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सरस्वती पूजा को ले बाजार गुलजार

शिक्षण संस्थानों सहित अन्य आयोजन स्थलों पर तैयारी अंतिम चरण में फल, फूल व सजावट के सामान के खरीदारों से बनी रही जाम की समस्या सहरसा : विद्या और संगीत की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती की पूजा बुधवार को है. शहर से लेकर गांव तक सरस्वती पूजा की तैयारी में व्यस्त है. पूजा को लेकर छात्र-छात्राओं, […]

शिक्षण संस्थानों सहित अन्य आयोजन स्थलों पर तैयारी अंतिम चरण में

फल, फूल व सजावट के सामान के खरीदारों से बनी रही जाम की समस्या
सहरसा : विद्या और संगीत की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती की पूजा बुधवार को है. शहर से लेकर गांव तक सरस्वती पूजा की तैयारी में व्यस्त है. पूजा को लेकर छात्र-छात्राओं, शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं शिक्षण संस्थानों में श्रद्धा, उमंग व उत्साह का माहौल है. पूजा पंडालों को आकर्षक रूप देने की तैयारी की जा रही है. पूजा को लेकर बाजार की चहल-पहल काफी बढ़ गई है.
दिन भर बाजार में रही चहल-पहल: शहर के सभी निजी विद्यालयों, कोचिंग संस्थानों, छात्रावास सहित तकरीबन ढ़ाई हजार स्थानों पर प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं. इस अवसर पर कई शैक्षणिक संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन की भी तैयारी है. सोमवार को दिन भर ऐसे सभी जगहों पर पूजा पंडाल निर्माण करने की तैयारी की जाती रही. शैक्षणिक परिसर में खाली स्थानों पर बांस-बल्ले से पंडाल खड़ा किया जाता रहा. टेंट व शामियाने खड़े किए जाते रहे.
आयोजन स्थल पर भक्ति गीत बजाये जाते रहे. दिन भर आमंत्रण कार्ड बांटने का सिलसिला चलता रहा. वहीं कई अवैध क्लब के नाम पर चंदा के लिए रसीद काटने का दौर भी चलता रहा. सरस्वती पूजा को लेकर दिन भर बाजार में गहमागहमी बनी रही. कोई प्रसाद के लिए तरह-तरह के फल की खरीदारी करने में व्यस्त रहा तो कोई सजावट के समान खरीदने में. कोई लाइटिंग की व्यवस्था में रहा तो कोई गेंदा व अन्य दूसरे फूल की बुकिंग में. इसी तरह शहर की सभी छोटी-बड़ी जड़ी-बूटी की दुकानों पर भी देर रात तक पूजन सामग्रियों की खरीदारी के लिए भीड़ बनी रही. श्हर से लेकर गांव तक खरीदारों के ओने के कारण दिन भर जाम की समस्या भी गहराती रही.
दो से 12 हजार की बनी प्रतिमा
सरस्वती की प्रतिमा को लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है. सोमवार को प्रतिमाओं को वस्त्रावृत सहित कृत्रिम अलंकारों से आभूषित किया जाता रहा. सोमवार की शाम से ही आयोजक उसे ले जाने लगे हैं. शहर में लगभग 20 जगहों पर मूर्ति निर्माण का कार्य होता है. बड़ी दुर्गा स्थान में प्रतिमा बना कर बेचने वाले जितेंद्र पंडित ने बताया कि उन्होंने इस साल 150 मूर्ति बनाई है. पंडित ने बताया कि वे लोगों के दिए ऑर्डर के अनुसार प्रतिमा बनाते हैं. प्रतिमा की कीमत दो हजार से लेकर 12 हजार रुपये तक होती है. उसने कहा कि 12 हजार रुपये वाली प्रतिमा के साथ स्वागत करती दो परी भी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि यहां से प्रतिमा बन कर शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों सहित बरूआरी, सोनवर्षा व कोसी तटबंध के अंदर तक जाती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें