स्वच्छता एप के जरिये नगर को साफ रखने का अभियान शुरू किया गया है. केंद्रीय शहरी विकास व नगर आवास विभाग बिहार सरकार की मुहिम से आम लोगों को फायदा होगा. शहर के छह लोगों ने एप के माध्यम से शिकायत भी दर्ज करायी है. इसके बाद गंदगी हटयी गयी.
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गंदगी देखें, स्वच्छता एप. नगर को साफ रखने की मुहिम
स्वच्छता एप के जरिये नगर को साफ रखने का अभियान शुरू किया गया है. केंद्रीय शहरी विकास व नगर आवास विभाग बिहार सरकार की मुहिम से आम लोगों को फायदा होगा. शहर के छह लोगों ने एप के माध्यम से शिकायत भी दर्ज करायी है. इसके बाद गंदगी हटयी गयी. सहरसा : कोसी प्रमंडलीय मुख्यालय […]
सहरसा : कोसी प्रमंडलीय मुख्यालय में अब साफ-सफाई व्यवस्था हाईटेक हो जायेगी. घर के आसपास पड़ा कचरा साफ कराने के लिए आपको नगर परिषद के कर्मी व वार्ड पार्षदों को बार-बार फोन लगाने की जरूरत नहीं,
बल्कि सिर्फ एक बार कचरे की फोटो खींच कर ‘स्वच्छता ऐप’ पर अपलोड करनी होगी. इसके 24 घंटे के अंदर नगर परिषद अमला वहां पहुंचकर न सिर्फ कचरा उठाएगा, बल्कि की गई सफाई को फोटो भी आपको मोबाइल पर भेजा जायेगा. देश भर सहित सहरसा में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की मुहिम को राज्य की नगर आवास विभाग द्वारा यह स्वच्छता एप शुरू कर दिया गया है. नगर परिषद ने शहर में बड़े-बड़े होर्डिंग लगा इसकी लॉचिंग व लोगों को जागरुक करने की तैयारी एक साथ शुरु कर दी है. इस सुविधा को सभी 40 वार्डों में लागू किया जा रहा है. नगर परिषद अधिकारियों के अनुसार विभाग के सफाई निरीक्षक से लेकर जमादार, नगर प्रबंधक को इसकी ट्रेनिंग दी जा चुकी है. कचरा उठाने की समय सीमा पहले 48 घंटे रखी गयी थी, जिसे घटाकर अब 24 घंटे किया गया है.
समाधान नहीं हुआ तो ऐसे होगी मॉनीटरिंग: शिकायतकर्ता जैसे ही फोटो अपलोड करेगा वह पहले सफाई अधिकारी को दिखेगी. नप के अधिकारी 24 घंटे के अंदर संबंधित वार्ड जमादार को गाड़ी के साथ कचरा वाले स्थान पर रवाना करेंगे. जैसे ही कचरा उठ जायेगा, उसका फोटो अपलोड करेंगे. 24 घंटे बाद सफाई निरीक्षक के पास रेड पॉपअप प्रदर्शित होगा. फिर यहां भी समाधान नहीं हुआ, तो क्रमशः कार्यपालक पदाधिकारी, आयुक्त के पास रेड पॉप अप प्रदर्शित होगा. करीब 10वें दिन नगर विकास विभाग के आयुक्त के पास ब्लैक पॉपअप प्रदर्शित होगा. इसके बाद लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होगी.
जुलाई में शुरू होनी थी सुविधा: ज्ञात हो कि स्वच्छता ऐप को जुलाई के पहले सप्ताह में शुरू किया जाना था, लेकिन कर्मचारियों की ट्रेनिंग और ऐप में कुछ काम बचा होने के कारण इसे चालू नहीं किया जा सका. इसके बाद बारिश के कारण ऐप की लॉचिंग में देरी हुई.
एप आपकी करेगा मदद: कूड़े की गाड़ी नहीं आयी, झारु नहीं लगा, सड़क पर कचरा का अंबार लगा हुआ है. इस प्रकार के बिंदु ऐप पर आपकों नजर आयेंगे. इस प्रकार की समस्या के समाधान के लिए कम से कम 12 घंटे का समय नप द्वारा लिया जा सकेगा. इसके अलावा कही मृत पशु के होने की जानकारी है तो उसे भी ऐप के माध्यम से 48 घंटे की अवधि में हटाया जायेगा.
फीडबैक भी दे सकेंगे: नप के कार्यपालक पदाधिकारी दिनेश राम बताते है कि शहर में सफाई व्यवस्था के लिए यह ऐप कारगर साबित है की नहीं. ऐप से कोई परेशानी तो नहीं हो रही है. लोग ऐप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर क्षेत्र को साफ सुथरा बनाने में अपना सहयोग दे सकेंगे. उन्होंने बताया कि ऐप काम करना शुरु कर चुकी है. अभी तक छह शिकायत भी दर्ज की गयी है. जिसका समाधान भी नगर परिषद द्वारा कराया गया है. इसके अलावा ऐप को सुदृढ़ बनाने के लिए कोलकाता से टीम आ रही है. जो 21, 22 व 23 जनवरी को शहरी व्यवस्था का जायजा लेगी.
ऐसे काम करेगा एप
स्मार्ट फोन में स्वच्छता ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा. यह ऐप जीपीएस आधारित है. जैसे ही लोग कचरे का फोटो खींच कर एप पर डालेंगे वह संबंधित सफाई निरीक्षक व सफाई जमादार, नप के अधिकारी के मोबाइल ऐप पर रेड पॉप अप के रूप में दिखेगा. इसके बाद संबंधित अधिकारी अपने क्षेत्र के स्वच्छता कर्मचारी व कचरा वाहन को उस जगह भेजकर कचरा उठवाकर उस स्थान का फोटो डालेगा. कचरा उठने के बाद उस स्थान पर ग्रीन पॉप अप चिन्ह शिकायतकर्ता को दिखने लगेगा.
इसके बाद शिकायतकर्ता उस कार्य के होने पर ग्रीन बटन दबाकर अपनी प्रतिक्रिया दे सकेगा. ऐप की विशेषता यह रहेगी कि कचरे का स्थान दर्शाने वाले क्षेत्र के पास जाने के लिए जीपीएस आधारित व्यवस्था है, जिससे कचरा उठाने के लिए निगम के सफाई कर्मियों को भटकना नहीं होगा.
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