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27 किमी बिछेगी बड़ी रेल लाइन

डीआरएम ने लिया सहरसा-सुपौल रेलखंड का जायजा सहरसा : सहरसा-सुपौल रेलखंड का जायजा रविवार को समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम सुधांशु शर्मा ने दर्जनों अधिकारियों के साथ लिया. रविवार की अहले सुबह स्पेशल सैलून से सहरसा पहुंचने के बाद छोटी रेल लाइन के निरीक्षण यान से थरबिटिया के लिए निकले, लेकिन समय की कमी और […]

डीआरएम ने लिया सहरसा-सुपौल रेलखंड का जायजा

सहरसा : सहरसा-सुपौल रेलखंड का जायजा रविवार को समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम सुधांशु शर्मा ने दर्जनों अधिकारियों के साथ लिया. रविवार की अहले सुबह स्पेशल सैलून से सहरसा पहुंचने के बाद छोटी रेल लाइन के निरीक्षण यान से थरबिटिया के लिए निकले, लेकिन समय की कमी और मौसम खराब रहने के कारण सुपौल से ही वापस आना पड़ा. वापस आने के बाद निरीक्षण यान से उतरने के बाद सीधे प्लेटफाॅर्म नंबर तीन के बगल में खड़ी वाहन पर सवार होकर मुरलीगंज के लिए विदा हो गये, जहां रविवार की रात कोसी व जानकी एक्सप्रेस का
27 किमी बिछेगी…
ठहराव निर्धारित है. ट्रेन को क्षेत्रीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव हरी झंडी मुरलीगंज स्टेशन पर दिखा कर विदा किया. निरीक्षण के दौरान सीनियर डीसीएम वीरेंद्र कुमार, एसएस नवीन चंद्र यादव, कमांडेंट विजय प्रकाश पंडित, आरपीएफ इंस्पेक्टर अर्जुन प्रसाद यादव, पुअनि रमेश कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
नहीं हुई है तिथि का निर्धारण : रेलवे की ओर से आमान परिवर्तन कार्य के लिए आगामी 15 दिसंबर से इस खंड पर मेगा ब्लॉक लेने का निर्णय की बाबत पूछे जाने पर डीआरएम ने कहा कि अब तक कोई अाधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. जानकारी के अनुसार अभी मंडल प्रशासन के निर्णय को मुख्यालय ने हरी झंडी नहीं दी है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने काम शुरू करने की तैयारी कर ली है. ताकि मुख्यालय की हरी झंडी मिलते ही आमान परिवर्तन का काम शुरू किया जा सके.
15 दिसंबर से मेगा ब्लॉक संभावित है. 11 दिसंबर को जीएम की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि 27 किलोमीटर लंबे इस खंड के आमान परिवर्तन के लिए एक वर्ष का मेगा ब्लॉक लिया जायेगा. समय सीमा के अंदर काम को पूरा किया जा सके, इसके लिए रेलवे ने तैयारी कर ली है. सहरसा-सुपौल आमान परिवर्तन के बाद यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी.
इस खंड पर कुछ नये एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन किया जायेगा. यात्री कम समय में अपने गंतव्य को पहुंच पायेंगे. अभी छोटी लाइन होने के कारण यात्रियों को दिक्कत होती है. ट्रेनों की स्पीड भी कम होती है, जिससे यात्री को अपने गंतव्य तक जाने में अधिक समय लगता है. वहीं रेलवे ट्रैक की ऊंचाई भी करीब तीन फीट तक बढ़ जायेगी. इससे बाढ़ के दौरान रेलवे ट्रैक को नुकसान नहीं पहुंचेगा.
सहरसा-थरबिटिया छोटी रेललाइन को बड़ी रेल लाइन में तब्दील करने के लिए मेगा ब्लॉक लेने से पूर्व सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है. बीते आठ अक्तूबर को बेगूसराय की जेके कंपनी के कर्मियों ने रेलखंड की मापी शुरू की थी. रेलखंड की मापी होते देखने के बाद ही लोगों के बीच उत्सुकता बढ़ गयी थी. मानसी-सहरसा व मधेपुरा बड़ी रेल लाइन बनने के बाद सिर्फ सहरसा-थरबिटिया रेल लाइन में ही मीटरगेज की ट्रेन चलती है.
प्लेटफार्म का होगा निर्माण : बड़ी रेल लाइन के सुपौल तक विस्तारित होने से पूर्व स्टेशन पर तीन अन्य प्लेटफाॅर्म का निर्माण होगा. वर्तमान में बड़ी रेल लाइन के लिए मात्र दो प्लेटफाॅर्म हैं. वहीं कई ट्रेन के सहरसा से खुलने के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ता है. मेगा ब्लाॅक के बाद तीन नये प्लेटफाॅर्म बनने के बाद समस्या में कमी आने की संभावना है. इसके अलावे यार्ड का भी विस्तार किया जायेगा. डीआरएम ने बताया कि मेगा ब्लाॅक के बाद सभी कार्य होंगे. यार्ड में क्रेन भी लगाया जायेगा. वर्तमान में कुछ ही ट्रेन का मेंटेनेंस कार्य सहरसा स्थित यार्ड में होता है.

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