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जलनिकासी नहीं परेशानी. आफत बन कर आयी बारिश

विजयादशमी के दिन दो घंटे की बारिश के बाद शहर फिर से पानी-पानी हो गया. जलजमाव से लोग त्रस्त हैं. लेकिन प्रशासन की संवेदना नहीं जगी है. तीन दिनों बाद भी जलनिकासी के लिए पंपसेट नहीं लगाया गया है. लोगों को नित्य क्रियाओं सहित दैनिक क्रियाकलापों में भारी परेशानी हो रही है. सहरसा : बीते […]

विजयादशमी के दिन दो घंटे की बारिश के बाद शहर फिर से पानी-पानी हो गया. जलजमाव से लोग त्रस्त हैं. लेकिन प्रशासन की संवेदना नहीं जगी है. तीन दिनों बाद भी जलनिकासी के लिए पंपसेट नहीं लगाया गया है. लोगों को नित्य क्रियाओं सहित दैनिक क्रियाकलापों में भारी परेशानी हो रही है.

सहरसा : बीते दिनों लगातार हुई बारिश शहर के लिए अब तक आफत बनी हुई है. चारों ओर जमा बारिश के पानी ने शहर में जलत्रासदी ला दिया है. लगभग सभी आवासीय मुहल्लों में त्राहि-त्राहि मची है. विजयादशमी के दिन दो घंटे की बारिश ने पहले की परेशानी को तिगुना कर दिया है. फिर भी प्रशासन की संवेदना नहीं जग रही है. इस बार अब तक प्रशासन की ओर से जलनिकासी के लिए पंपसेट नहीं उतारा गया है. लिहाजा लोग किंकर्तव्यविमूढ़ हो जलजमाव की त्रासदी को झेल रहे हैं. हालांकि सरकारी अमलों से पानी निकालने के लिए उनका पंपसेट तीन दिनों से लगातार चल रहा है.

सुस्त क्यों है प्रशासन

लगभग दस दिन पूर्व भी इन सभी मोहल्ले की ऐसी ही स्थिति थी. तब मोहल्ले के ही कुछ लोगों के आगे बढ़ने पर पंपसेट लगा पानी को बाहर निकाला गया था. प्रशासन और पब्लिक के सहयोग से तक़रीबन आठ दिनों के प्रयास के बाद घरों में घुसे पानी से निजात मिल पायी थी. लेकिन सड़कों पर और गड्ढों में पानी भरा ही था कि प्रशासन ने पंप को बंद करा दिया था. विजयादशमी के दिन हुई दो घंटे की बारिश ने एक बार फिर आफत ला दी. पुरानी स्थिति फिर से लौट गयी. लोग एक बार फिर अपने घरों में कैद हो गए. आश्चर्य तो यह है कि पिछली बार जिला प्रशासन पानी निकासी में लोगों की खूब मदद की थी. लेकिन इस बार दोगुनी परेशानी होने के बाद भी उनमें सुस्ती छायी हुई है.

प्रशासनिक संवेदनहीनता से बाढ़ की स्थिति

बारिश के पानी से झील बनी न्यू कॉलोनी.

अधिकारियों के आवास भी जलजमाव के बीच

शहर के रिहायशी कहे जाने वाले न्यू कॉलोनी मोहल्ले के ही एक भाग में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सहित अन्य प्रभावशाली अधिकारियो का आवास है. फिर भी जलजमाव से इस मोहल्ले को मुक्ति नहीं दिलायी जा सकी है. पूरे शहर में सर्वाधिक नारकीय स्थिति इसी मुहल्ले की बनी हुई है. इस कॉलोनी के अधिकतर घरों में पानी प्रवेश कर चुका है. मोहल्ले से गुजरने वाली सारी सड़कें तो जैसे डूब ही गयीं हैं. सड़कों पर दो फीट तक पानी चढ़ा हुआ है. लोगों को शौच, स्नान, भोजन बनाने और कपडे साफ करने जैसे नित्य क्रियायों के लिए भी बड़ी परेशानी बनी हुई है. उनका घर से निकलना लगभग बंद हो गया है. बच्चों के स्कूल, कोचिंग, ट्यूशन सब पर विराम लगा है. यही हाल नया बाजार, रहमान चौक, चाणक्यपुरी, प्रताप नगर, हटियागाछी, रमेश झा रोड, बस स्टैंड के पीछे बसे मोहल्लों की भी है.

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