एसएफसी के जिला प्रबंधक ने चावल नहीं लौटाने पर चार मिलरों पर प्राथमिकी दर्ज करायी है.
सहरसा नगर : मिलिंग के नाम पर वर्ष 2012-13 में राज्य खाद्य निगम से लिये गये धान का मिल मालिकों ने चावल लौटाने के नाम पर सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है. एसएफसी के जिला प्रबंधक कौशल किशोर सिंह ने सदर थाना में आवेदन देकर मिल मालिक अनिल चौधरी, ललनेश्वर झा, मुकेश कुमार यादव व शबीर अहमद पर पांच करोड़ 72 लाख रुपया का चावल गबन कर लिये जाने का मामला दर्ज कराया है. प्रबंधक ने बताया कि मिल मालिकों को एसएफसी से लिये गये धान के एवज में तय की गयी मात्रा में चावल जमा करना था.
क्या है गबन का मामला: प्राथमिकी में प्रबंधक ने बताया कि मे नानू सानू राईस मिल पटुआहा के मालिक व वार्ड नंबर 26 निवासी अनिल चौधरी पर 1 करोड़, 80 लाख ,09712 रुपया गबन करने मामला दर्ज कराया गया है.
इसके अलावा मे एसके उद्योग के मालिक व वार्ड नंबर 26 निवासी ललनेश्वर झा 81 लाख 13 हजार 28 सौ 40 रुपया, मे प्रिंस मिनी राइस मिल शिवपुरी के वार्ड नंबर 14 निवासी मुकेश कुमार यादव पर 2 करोड़ 31 लाख रुपये, व मे बासमती राईस मिल पटुआहा के मलिक व वार्ड नंबर 7 निवासी मो शबीर अहमद पर 80 लाख 20 हजार से अधिक की राशि गबन कर लिये जाने की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
पहले भी है दर्ज, कार्रवाई शून्य:
चावल मिल मालिकों की कारगुजारी को लेकर पूर्व में भी सदर थाना में डीएम के निर्देश पर आठ मिलर पर गबन की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की गयी है. ज्ञात हो कि मिलर द्वारा दिये जाने वाले चावल का जन वितरण के माध्यम से गरीब श्रेणी के लोगों को वितरण किया जाता है.