अपराध. नगर के सभी वार्डो में फैला शराब तस्करों का नेटवर्क
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शराब तस्करी में भी होलसेल व रिटेलर का मिल रहा दर्जा
अपराध. नगर के सभी वार्डो में फैला शराब तस्करों का नेटवर्क सहरसा : मय, मयखाना व मघुशाला की चर्चा सूबे में पूर्ण शराबबंदी के बाद खूब हो रही है. सरकार द्वारा बनाये गये सख्त कानून पर लोग आपसी मशवरा भी कर रहे हैं. इसके बावजूद पीनेवालों की शाम शराब के साथ ही गुलजार हो रही […]
सहरसा : मय, मयखाना व मघुशाला की चर्चा सूबे में पूर्ण शराबबंदी के बाद खूब हो रही है. सरकार द्वारा बनाये गये सख्त कानून पर लोग आपसी मशवरा भी कर रहे हैं. इसके बावजूद पीनेवालों की शाम शराब के साथ ही गुलजार हो रही है. 18 वर्ष से 40 वर्ष तक दो दर्जन से अधिक लोग मुनाफा कमाने के लिए जमकर शराब की तस्करी कर रहे हैं. पुलिस को जांच के लिए दिया गया ब्रेथ एनायलेजर दो चार दिनों की रस्म पूरी करने के बाद रख दिया गया है.
पुलिस व आबकारी विभाग को शराब की तस्करी व पियक्कड़ों की सूचना भी मिल रही है. लेकिन उन सूचनाओं पर कार्रवाई करने के बजाय सूचक की ही पूरी तफ्तीश की जा रही है. नतीजतन लोग प्रतिबंध के बावजूद अपने आसपास बुराई को फैलते देख रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर के कई नामचीन होटलों में भी ग्राहकों की डिमांड पर ज्यादा कीमत लेकर बंद कमरे में जाम टकराने की छूट दी जा रही है. खास कर स्टेशन व उसके आसपास के इलाके में शराब तस्कर अवैध कमाई से तरक्की कर रहे हैं.
हम होलसेल, तुम रिटेलर बन जाओ : शराबबंदी के बाद शहर में रोजी रोटी कमाने वाले कई लोगों ने अपना व्यवसाय बदल लिया है. जिन लोगों के पास पर्याप्त पूंजी थी, वह सभी शराब तस्करी का मुख्य सरगना बन चुके हैं. उनलोगों के द्वारा शराब लाने वाले लोगों को रुपये से मदद कर शराब दूसरे प्रदेश से लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इतना ही नहीं इस धंधे में शामिल लोग स्वयं को होलसेलर बता रिटेलरों की भरती कर रहे हैं. जिसे मुनाफा लेकर कम कीमत पर शराब की बोतल अज्ञात स्थानों से मुहैया करायी जा रही है. धंधे में शामिल इन रिटेलरों के फोन नंबर पियक्क्ड़ों के पास उपलब्ध है. जिसके बाद पूरे दिन शराब की डिलीवरी दी जाती है. शाम ढ़लते ही बाजार में कोई पैदल तो कोई बाइक से डिलेवरी देने में जुट जाता है.
शाम में नियमित हो जांच : चार पहिया व बाइक सवार लोगों को शाम ढ़लने के बाद बाजार में भ्रमण करते हुए जांच करनी चाहिए. जबकि अभी तक जांच के नाम पर खानापूर्ति ही की जाती रही है. ज्ञात हो कि शराबबंदी के बाद भी असामाजिक तत्व शराब का सेवन कर खुलेआम सड़कों पर घूम रहे हैं. जबकि इन तत्वों पर लगाम लगाने से सरकार के संकल्प को कायम रखने में मदद की जा सकती है.
सघन छापेमारी से हो सकता है गिरोह का पर्दाफास
रुप बदलकर मिलते रहते हैं
शराब की डिलीवरी हमेशा तस्कर अपने भरोसेमंद लोगों को ही देता है. जिसमें डिलीवरी का समय व स्थान तस्कर ही तय करता है. खासकर शहर के बटराहा, चांदनी चौक, महावीर चौक, शर्मा चौक, कायस्थ टोला, पीके मल्लिक चौक, नरियार रोड में शाम के बाद लोगों की आवाजाही बढ़ जाती है. लोग बताते हैं कि तस्कर पीठ पर लैपटॉप का बैग लेकर ज्यादा चल रहा है. डिलीवरी के समय उक्त स्थल पर गिरोह का एक व्यक्ति पहले पहुंच मामले को भांप लेता है. शहर के दूसरे मोहल्ले से भी लोग उक्त जगहों पर पहुंच स्वयं शराब खरीद भी रहे हैं.
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