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13 डॉक्टरों ने दिया शस्त्र के लिए आवेदन

फोन कॉल ने उड़ा दी है डॉक्टरों की नींद, रंगदारी मामले के बाद शस्त्र के लिए आये कुल 18 आवेदन सहरसा सिटी : बीते आठ फरवरी को शहर के दो चिकित्सक व एक पैथोलोजी संचालक से फोन पर रंगदारी मांगने के बाद डॉक्टरों की नींद गायब हो गयी है. डॉक्टरों को अपनी सुरक्षा का भय […]

फोन कॉल ने उड़ा दी है डॉक्टरों की नींद, रंगदारी मामले के बाद शस्त्र के लिए आये कुल 18 आवेदन

सहरसा सिटी : बीते आठ फरवरी को शहर के दो चिकित्सक व एक पैथोलोजी संचालक से फोन पर रंगदारी मांगने के बाद डॉक्टरों की नींद गायब हो गयी है. डॉक्टरों को अपनी सुरक्षा का भय सताने लगा है. घटना के बाद कई डॉक्टरों ने आर्म्स लाइसेंस के लिये जिला दंडाधिकारी के पास आवेदन समर्पित किया है. पहली बार डॉक्टरों को सुरक्षा के लिये चिंतित देखा जा रहा है. मालूम हो कि शहर के नयाबाजार में निजी क्लीनिक चलाने वाले डॉ आइडी सिंह, डॉ ब्रजेश कुमार व कोसी पैथोलॉजी के संचालक से फोन पर रंगदारी की मांग की गयी थी. जिसके बाद प्रशासन मामला दर्ज कर डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान कर रही है.
17 आवेदन जमा : जिला दंडाधिकारी के शस्त्र कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार घटना के बाद 17 लोगों ने आर्म्स लाइसेंस के लिये आवेदन जमा किया है. जानकारी के अनुसार डॉ अवनीश कर्ण, डॉ ललन कुमार, डॉ दिनेश कुमार, डॉ गणेश कुमार, डॉ मनोज सिंह, डॉ अभिनव प्रकाश, डॉ आइडी सिंह, डॉ विमल कुमार ने जहां अपने लिये आवेदन जमा किया है.
वही डॉ अवनीश कर्ण, डॉ दिनेश कुमार, डॉ गणेश कुमार, डॉ आइडी सिंह ने अपनी पत्नी के नाम पर भी लाइसेंस के लिये आवेदन जिला दंडाधिकारी के कार्यालय में जमा किया है. इसके अलावे पांच अन्य व्यक्ति ने भी हथियार के लिए आवेदन जमा किया है. वहीं कई डॉक्टरों के घटना से पूर्व से ही आवेदन जमा करने की बात कही जा रही है.
क्या है नियम : हथियार का लाइसेंस देना पूरी तरह जिलादंडाधिकारी पर निर्भर करता है. लाइसेंस लेने के लिए व्यक्ति को विहित प्रपत्र में आवेदन जिला दंडाधिकारी के कार्यालय में जमा करना पड़ता है. जहां से आवेदन जांच के लिये पुलिस अधीक्षक को भेजा जाता है. पुलिस अधीक्षक द्वारा उसे संबंधित थाना को भेजा जाता है.
थानाध्यक्ष अपने मंतव्य के साथ आवेदन को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को अग्रसारित करते हैं. एसडीपीओ उस आवेदन पर अपना मंतव्य देकर अनुमंडल पदाधिकारी को भेजते हैं. एसडीओ लगान की जांच के लिए संबंधित अंचलाधिकारी को भेजते हैं. अंचलाधिकारी रिपोर्ट के साथ पुन: एसडीओ के पास भेजते हैं. एसडीओ आवेदन पर अपना मंतव्य देकर पुलिस अधीक्षक को अग्रसारित करते हैं.
पुलिस अधीक्षक आवेदन पर अपना मंतव्य देकर जिलापदाधिकारी को भेजते हैं. जिसके बाद डीएम अपने स्वविवेक से किसी के आवेदन को स्वीकृत एवं अस्वीकृत करते हैं.
क्या था मामला : डॉक्टर से रंगदारी मांगने के बाद आइएमए के आहवान पर भासा व आइएमए से जुडे चिकित्सक हड़ताल पर चले गये थे. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते नयाबाजार के गौतम सिंह व गौरव राय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वहीं कुछ दिन बाद सिम विक्रेता रंजीत यादव को भी गिरफ्तार कर लिया. दो मार्च को पुलिस ने इसी मामले में परसरमा निवासी सुमन सौरभ व गोपालगंज निवासी हरेश यादव को भी सलाखों के पीछे भेज दिया.

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