पतरघट : क्षेत्र के बुधमा से माणिकपुर तक जाने वाली धबौली प्रशाखा नहर में पानी छोड़े जाने से सोमवार की रात केशवपुर रामघाट के पास बलराम सिंह की खेत के निकट नहर टूट जाने से सैकड़ों एकड़ खेत में लगी रबी फसल डूब गयी. खेतों में जलजमाव के कारण बाढ़ सा नजारा दिखता है.
इस संबंध में किसानों द्वारा नहर विभाग के अभियंता सहित बीडीओ को जानकारी देकर मरम्मत की मांग की गयी है. परंतु नहर मरम्मत की बात तो दूर आज तक कोई भी पदाधिकारी झांकने तक नहीं आये हैं. जिसके कारण पानी का बहाव अनवरत जारी है. हालांकि किसानों ठंड में पानी में घुसकर नहर मरम्मत का प्रयास किया गया, लेकिन पानी के तेज बहाव और गहरी कटान के कारण सबका प्रयास विफल साबित हो गया. किसानों का कहना था कि शाम तक नहर सूखी थी पर सिंचाई विभाग द्वारा बिना नहर का जायजा लिये हुए अचानक रात में पानी छोड़ दिया गया.
जबकि नहर का बांध कमजोर था और नहर का पूर्वी बांध पानी का दबाव झेल नहीं पाया और टूट गया. नहर टूटने से आक्रोशित धबौली पूर्वी के मुखिया राजेश कुमार रजनीश सहित किसान रामचंद्र यादव, अरुण यादव, सुरेश यादव, हरिलाल यादव, संतोष यादव, बौकू यादव, रामलखन यादव, नरेश यादव, जगरनाथ यादव, सिरो कामत, फुचो राम, पंकज शर्मा, महेन्द्र राम, कपिलदेव शर्मा सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि विभागीय पदाधिकारी कभी भी इधर दिखायी नहीं देते हैं.
प्रशासनिक पदाधिकारी बार-बार नहर टूटने के कारणों को न तो जानने की कोशिश करते हैं और न ही कसूरवार को चिह्नित कर कार्रवाई ही करती हंै. इस बाबत बीडीओ कर्पूरी ठाकुर ने बताया कि नहर टूटने की जानकारी हमें स्थानीय मुखिया के द्वारा मिली है. नहर की देखरेख मुख्यत: सिंचाई विभाग की होती है.
उक्त विभाग द्वारा ही नहर की मरम्मत की जायेगी. जहां तक किसानों के फसल डूबने का मामला है उसके बारे में हम जिला स्तरीय बैठक में मुआवजे की चर्चा करेंगे. वरीय अधिकारी के दिशा निर्देश के आलोक में कार्रवाई की जायेगी.